केजरीवाल का आरोप है कि केंद्र सरकार मंजूरी देने में बाधा उत्पन्न कर रही है। अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा आवेदन खारिज किये जाने पर कहा, ‘मैं सिंगापुर जाऊंगा। मैंने उपराज्यपाल की सलाह को पढ़ा। ये कोई मेयर का सम्मेलन नहीं है बल्कि इसमें मेयर, शहरी नेता और एक्स्पर्ट्स जैसे कई बड़े नेता इसमें शामिल होंगे। ये दिल्ली के लिए गर्व की बात होगी कि वैश्विक मंच पर दिल्ली मॉडल के बारे में दुनिया जानेगी।’
आम आदमी पार्टी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए भी इस मामले पर अपनी राय रखी और केंद्र सरकार को घेरने का काम किया है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता आतिशी मार्लेना ने कहा कि पिछले महीने सिंगापुर सरकार द्वारा दिल्ली सरकार को न्योता दिया तो अरविन्द केजरीवाल ने इसके लिए केंद्र सरकार के नुमाइंदे उपराज्यपाल के पास भेजा था। इस फाइल पर 3 हफ्ते तक बैठने के बाद उन्होंने आज इस फाइल को लौटा दिया और अनुमति देने से मना कर दिया।’
आतिशी मार्लेना ने कहा कि ‘आखिरकार क्यों अनुमति देने से मना किया? अगर अरविन्द केजरीवाल को अनुमति मिलती और वो सिंगापुर जाते तो दिल्ली मॉडल को दुनिया के सामने रखते तो ये केवल दिल्ली के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात होती। आज पूरी दुनिया के नेता दिल्ली की ओर अलग-अलग इनोवेशन के लिए अलग-अलग समस्याओं के समाधान के लिए, यहाँ पर हो रहे बिजली पानी, शिक्षा स्वास्थ्य के काम के लिए देख रहे हैं।’|
आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को घेरते हुए कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार को उनके नुमाइंदे उपराज्यपाल को ये बात पच नहीं पाई कि दिल्ली के सीएम को सिंगापुर की सरकार बुला रही है और दुनियाभर के नेता अरविन्द केजरीवाल की बात सुनना चाहते हैं। वो भूल गए कि अगर दिल्ली की वाह-वाही होती है तो ये देश की वाहवाही होती है।’
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पीएम मोदी केजरीवाल से डरते हैंआम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता ने कहा, “केंद्र सरकार को अरविन्द केजरीवाल से नफरत है कि वो भारत को भूल गए और भारत को होने वाले गर्व को भूल गए। ये तुच्छ राजनीति को देखकर लगता है पीएम मोदी अरविन्द केजरीवाल से डरते हैं क्योंकि वो एक विकल्प के रूप में उभर रहे हैं।”
बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री, सांसद या जनप्रतिनिधि को विदेश यात्रा करने से पहले केंद्र सरकार से मंजूरी लेनी होती है चाहे ये दौरा निजी हो या सरकारी। यही वजह है 1 अगस्त को सिंगापुर में होने वाले “वर्ल्ड सिटीज समिट” में हिस्सा लेने के लिए केजरीवाल ने केंद्र को पत्र लिखकर यात्रा के लिए मंजूरी मानी थी।