scriptचावल-मसालों के साथ फलों-सब्जियों, डेयरी और मछलियों की भी होगी जांच, इन कंपनियों का कारोबार हो सकता है प्रभाव | Along with rice and spices, fruits, vegetables, dairy and fish will also be tested | Patrika News
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चावल-मसालों के साथ फलों-सब्जियों, डेयरी और मछलियों की भी होगी जांच, इन कंपनियों का कारोबार हो सकता है प्रभाव

चिंताजनक: सिर्फ मसाले नहीं, भारत से इन उत्पादों के एक्सपोर्ट पर गाज भी गिर रही। भारत से 35,000 करोड़ रुपए यानी 4.2 अरब डॉलर के मसालों का निर्यात हुआ।

नई दिल्लीMay 04, 2024 / 08:18 am

Shaitan Prajapat

Fssai : एमडीएच और एवरेस्ट मसालों के मामले सामने आने के बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने घरेलू बाजार में बेचे जाने वाले फोर्टिफाइड चावल, डेयरी उत्पादों व मसालों जैसे अन्य खाद्य पदार्थों की जांच शुरू करने की योजना बनाई है। फल व सब्जियों, मछली उत्पादों में साल्मोनेला जैसे खाद्य पदार्थों की भी निगरानी की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक, एफएसएसएआई मसाला, जड़ी-बूटियां, दूध और दूध से बने उत्पादों को भी जांच के दायरे में लाएगा।

दुनियाभर में भारत से करता है 35,000 करोड़ के मसालों का निर्यात

सिंगापुर और हांगकांग की गुणवत्ता संबंधी चिंताओं को देखते हुए खाद्य नियांमक पहले से ही एमडीएच और एवरेस्ट सहित सभी ब्रांडों के मसालों के नमूने ले रहा है, ताकि यह जांचा जा सके कि ये उत्पाद सरकार की ओर से तय मानदंडों को पूरा करते हैं या नहीं। नियामक सेरेलैक के नमूने भी एकत्र कर इसकी जांच कर रहा है। जांच के लिए अब इन उत्पादों के तीन गुना अधिक सैंपल लिए जा रहे हैं। आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव यानी जीटीआरआई ने कहा कि हर दिन नए देश भारतीय मसालों की क्वालिटी को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं। दुनियाभर में भारत से करीब 35,000 करोड़ रुपए के मसालों का निर्यात होता है।

निशाने पर भारतीय उत्पाद

मसालों के एक्सपोर्ट में भारत वर्ल्ड लीडर है, लेकिन हांगकांग और सिंगापुर से निकली ‘बैन’ की चिंगारी अब यूरोप, अमरीका और ऑस्ट्रेलिया तक पहुंच चुकी है। हालांकि निशाने पर केवल भारतीय मसाले नहीं हैं, बल्कि स्टील, दवाइयां से लेकर डायमंड तक हैं, जिससे इनका निर्यात प्रभावित हो सकता है।

इनका कारोबार भी उलझा

हीरा: सूरत में दुनिया का सबसे ज्यादा हीरा तराशा जाता है और इसके बाद यूरोप और अमरीका इनका बड़े पैमाने पर आयात करता है। हीरा कारोबार में भी भारत नई दुविधा का सामना कर रहा है, रूसी हीरे पर प्रतिबंध के कारण अमरीका और यूरोप अब डायमंड के ओरिजन का प्रूफ मांग रहे हैं, जिन्हें अभी तक छूट प्राप्त थी।
स्टील: भारत के स्टील उद्योग के निर्यात पर भी अब वैश्विक पॉलिसियों का असर हो रहा है। यूरोप के अधिकतर देश अब क्लाइमेट चेंज पर कंट्रोल करने के लिए कार्बन टैक्स लगा रहे हैं, जिससे भारतीय कंपनियां के एक्सपोर्ट पर प्रभाव पड़ सकता है।
फार्मा: बीते कुछ समय में भारत की दवाओं की क्वालिटी भी पर सवाल खड़े हुए हैं। भारत में बने कफ सीरप से गाम्बिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून में बच्चों की जानें गईं और इन दवाओं पर बैन लगा। इसने भारत की ‘फार्मेसी ऑफ वर्ल्ड’ की छवि को नुकसान पहुंचाया है।

इन देशों को मसाला निर्यात करता है भारत

देश राशि
चीन : 7733 करोड़ रुपए
अमरीका : 4782 करोड़ रुपए
बांग्लादेश : 2826 करोड़ रुपए
यूएई : 2141 करोड़ रुपए
थाईलैंड : 1608 करोड़ रुपए
मलेशिया : 1228 करोड़ रुपए
इंडोनेशिया : 1145 करोड़ रुपए
ब्रिटेन : 1020 करोड़ रुपए

इन मसालों का होता है निर्यात

उत्पाद : हिस्सेदारी
लाल मिर्च : 32.9 प्रतिशत
जीरा : 13.2 प्रतिशत
मसाला ऑयल : 12.9 प्रतिशत
पुदीना उत्पाद : 11.3 प्रतिशत
हल्दी : 5.3 प्रतिशत
अन्य : 24.6 प्रतिशत
(कुल निर्यात में हिस्सेदारी)

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