बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने जातीय जनगणना को लेकर अपना-अपना पक्ष रखा। जिसके बाद इस प्रस्ताव को सर्वसम्मित से पारित किया गया। नीतीश कुमार ने कहा कि इस जनगणना के लिए जल्द ही अफसरों को ट्रेनिंग दी जाएगी। कैबिनेट की बैठक भी होगी। लेकिन इस बैठक में वीआईपी को नहीं बुलाए जाने से मुकेश सहनी नाराज दिखे।
जातीय जनगणना की रूपरेखा क्या होगी इन सभी विषयों पर बातचीत के लिए ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई गयी थी। बिहार की राजनीति के लिए इस बैठक को अहम बताया जा रहा है। क्योंकि शुरुआत में बीजेपी इस बैठक में शामिल नहीं होना चाहती थी। दूसरी ओर जातीय जनगणना को लेकर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की मुलाकात भी हुई।
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हालांकि इस सर्वदलीय बैठक में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को नहीं बुलाए जाने पर वीआईपी के प्रमुख और राज्य के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने नाराजगी जताते हुए आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलने जाने वाले सर्वदलीय समिति में वे खुद थे, लेकिन राज्य में सर्वदलीय बैठक में वीआईपी को नहीं बुलाया जाना समझ से परे है।
उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना के पक्ष पर हमारी पार्टी हमेशा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ खड़ी रही हैं। पूर्व मंत्री ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में राज्य के संसदीय कार्य मंत्री और शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी को एक पत्र भी लिखा है। मंत्री ने कहा कि बिहार में अलग-अलग सामाजिक वर्ग का कई राजनीतिक पार्टियां प्रतिनिधित्व करती हैं, ऐसे में सभी राजनैतिक दल जन आकांक्षा का प्रतिनिधित्व करते हैं। जातीय जनगणना से संबंधित प्रस्ताव दोनों सदनों से पास हुआ है।
उन्होंने माना कि वीआईपी का वर्तमान बिहार विधान सभा में 4 सदस्य थे पर अब कोई सदस्य नहीं है, लेकिन बिहार विधान परिषद में वे खुद एक सदस्य के रूप में प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए उनकी पार्टी का भी इस बैठक में प्रतिनिधित्व होना चाहिए। वीआईपी नेता का मानना है कि बिहार राज्य के इस महत्वपूर्ण विषय पर सर्वदलीय बैठक में राज्य के सभी दलों के विचार से जातिगत जनगणना पर सकारात्मक पहल होगी।