राजौरी और पुंछ के ग्रामीणों के बीच सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए CRPF ग्राम रक्षा समितियों को ट्रेनिंग देने जा रहा है। इसके तहत सीआरपीएफ के जवान सशस्त्र समूहों को आतंकवादी हमलों से बचाव के गुर सिखाएंगे। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, सीआरपीएफ ग्रामीणों को प्रशिक्षण देगी। अभी यह तय नहीं किया गया है कि क्या उन्हें हथियार भी मुहैया कराए जाएंगे या नहीं। यदि उनको हथियार दिए जाते हैं, तो ये छोटे हथियार या राइफल हो सकते है।
टारगेट किलिंग रोकने को जम्मू-कश्मीर में और तैनात किए जाएंगे 1800 CRPF जवान
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हाल ही में राजौरी जिले में धंगरी घटना के बाद ग्राम रक्षा गार्डों यानी वीडीजी (जिन्हें पहले ग्राम रक्षा समितियों-वीडीसी के रूप में जाना जाता था) को फिर से हथियार देना शुरू कर दिया है। इस घटना में सात लोग मारे गए हैं। वीडीजी में स्थानीय ग्रामीण स्वयंसेवक शामिल होते हैं। बता दें कि साल 1990 के दशक में वीडीजी को राजौरी-पुंछ क्षेत्रों में प्रशिक्षण और हथियार दिए गए थे। एक अधिकारी के अनुसार, समुदाय के एक वर्ग पर तब भी हमले हुए थे और बड़े पैमाने पर पलायन को रोकने के लिए वीडीजी को भी हथियार दिए गए थे।
जम्मू कश्मीर: बालाकोट में सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को किया ढेर
राजौरी जिले के धनगरी गांव में सोमवार को एक विशेष शिविर का आयोजन किया गया। इसमें करीब 100 VDC सदस्यों को नए हथियार दिए गए, जिनमें से 40 पूर्व सैनिक हैं। पुलिस द्वारा आयोजित इस शिविर में 60 स्थानीय लोगों को भी हथियार दिए गए हैं। अबतक कुल 303 बंदूकें दी गईं हैं। बताया जा रहा है कि गांव के पूर्व सैनिक गांव के अन्य लोगों को प्रशिक्षण देकर तैयार करेंगे।