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आतंकवादियों की खैर नहीं! VDC को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देगी CRPF, मुकाबले के लिए तैयार होगा दस्ता

जम्मू कश्मीर में आतंकियों का सामना करने के लिए विलेज डिफेंस कमेटी (वीडीसी) के गार्डों को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के विशेषज्ञ हथियारों का प्रशिक्षण देंगे। राजौरी में आतंकवादियों की बड़ी टारगेट किलिंग के बाद सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है।
 

Jan 10, 2023 / 11:55 am

Shaitan Prajapat

CRPF

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जम्मू—कश्मीर के पुंछ और राजौरी में हुए जघन्य हत्याकांड के बाद सरकार ने बड़ा कदम उठया है। घाटी में आतंकियों से मुकाबल करने के लिए देश के सबसे बड़े केंद्रीय अर्धसैनिक बल (CRPF) द्वारा ग्राम विकास समिति (VDC) के तहत ग्रामीणों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। अधिकारियों के अनुसार, प्रशिक्षण कार्यक्रम की अंतिम रूपरेखा शामिल किए जाने वाले हथियारों की संख्या और प्रतिभागियों की संख्या तय समय में तय की जाएगी। ताकि वे आतंकवादी हमले का बेहतर तरीके से मुकाबला कर सकेंगे।

 


राजौरी और पुंछ के ग्रामीणों के बीच सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए CRPF ग्राम रक्षा समितियों को ट्रेनिंग देने जा रहा है। इसके तहत सीआरपीएफ के जवान सशस्त्र समूहों को आतंकवादी हमलों से बचाव के गुर सिखाएंगे। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, सीआरपीएफ ग्रामीणों को प्रशिक्षण देगी। अभी यह तय नहीं किया गया है कि क्या उन्हें हथियार भी मुहैया कराए जाएंगे या नहीं। यदि उनको हथियार दिए जाते हैं, तो ये छोटे हथियार या राइफल हो सकते है।

 

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जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हाल ही में राजौरी जिले में धंगरी घटना के बाद ग्राम रक्षा गार्डों यानी वीडीजी (जिन्हें पहले ग्राम रक्षा समितियों-वीडीसी के रूप में जाना जाता था) को फिर से हथियार देना शुरू कर दिया है। इस घटना में सात लोग मारे गए हैं। वीडीजी में स्थानीय ग्रामीण स्वयंसेवक शामिल होते हैं। बता दें कि साल 1990 के दशक में वीडीजी को राजौरी-पुंछ क्षेत्रों में प्रशिक्षण और हथियार दिए गए थे। एक अधिकारी के अनुसार, समुदाय के एक वर्ग पर तब भी हमले हुए थे और बड़े पैमाने पर पलायन को रोकने के लिए वीडीजी को भी हथियार दिए गए थे।

 

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राजौरी जिले के धनगरी गांव में सोमवार को एक विशेष शिविर का आयोजन किया गया। इसमें करीब 100 VDC सदस्यों को नए हथियार दिए गए, जिनमें से 40 पूर्व सैनिक हैं। पुलिस द्वारा आयोजित इस शिविर में 60 स्थानीय लोगों को भी हथियार दिए गए हैं। अबतक कुल 303 बंदूकें दी गईं हैं। बताया जा रहा है कि गांव के पूर्व सैनिक गांव के अन्य लोगों को प्रशिक्षण देकर तैयार करेंगे।

 

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