डीसीजीआई ने मई में दिए थे जांच के निर्देश
इस साल मई में भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने राज्य औषधि नियंत्रकों को कफ सिरप निर्माताओं के उन सैंपलों की जांच का निर्देश दिया था, जिनका एक्सपोर्ट होना था। डीजीसीआइ ने जांच प्राथमिकता से करने और रिपोर्ट जल्द जारी करने को कहा था। गौरतलब है कि हाल ही गुजरात के खेड़ा जिले में कथित तौर पर मिथाइल अल्कोहल युक्त आयुर्वेदिक सिरप का सेवन करने से पांच लोगों की मौत हो गई थी और दो लोग बीमार हो गए थे।
राजस्थान में कौन बनेगा अगला मुख्यमंत्री, बालकनाथ ने दिया ये जवाब
पिछले साल हुई थी 89 बच्चों की मौत
पिछले साल अक्टूबर में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आशंका जताई थी कि अफ्रीकी देश गांबिया में करीब 70 बच्चों की मौत का कारण भारतीय कंपनी का खांसी और सर्दी का सिरप हो सकता है। पिछले साल ही उज्बेकिस्तान में कफ सिरप पीने से 19 बच्चों की मौत हो गई थी। दावा किया गया था कि यह सिरप नोएडा की एक कंपनी ने बनाया था।
Election Result 2023: बीजेपी और कांग्रेस के बीच यहां हुई कांटे की टक्कर, कहीं 16 तो कहीं 28 वोटों से मिली हार
जांच अनिवार्य
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) कफ सिरप निर्यातकों के लिए यह अनिवार्य कर चुका है कि वे एक्सपोर्ट करने से पहले अपने कफ सिरप की जांच सरकारी लैबोरेटरी में करवाएं और सर्टिफिकेट ऑफ एनालिसिस पेश करें।