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राष्ट्रीय

उत्तरकाशी रेस्क्यू ऑपरेशन में बार – बार आ रही बाधाएं, बीते 14 दिनों फंसे हैं 41 मजदूर, अगले 12 घंटे बेहद अहम

उत्तरकाशी के सिल्कयारा टनल हादसे में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में बार – बार रुकावटें सामने आ रही हैं। ऐसे में उनके बाहर आने में कुछ समय और लग सकता है।

Nov 25, 2023 / 07:44 am

Shivam Shukla

उत्तराखंड में उत्तरकाशी सुरंग हादसे में बीते 14 दिन से फंसे 41 मजदूरों के लिए नई सुबह का इंतजार और लंबा हो गया है। रेस्क्यू के लिए डाली जा रही पाइप लाइन की ड्रिलिंग में बार-बार आ रही बाधाओं की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीम को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ड्रिलिंग के रास्ते में कभी सरिया तो कभी पत्थर बाधा बन रहे हैं। इस वजह से ड्रिलिंग को बार-बार रोकना पड़ रहा है।

ड्रोन की ली जा रही मदद

ऑपरेशन सिलक्यारा में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) ने बंगलूरु से दो एडवांस ड्रोन मंगाए है। इन ड्रोन कैमरों को सुरंग के अंदर भेजा गया है। रडार सेंसर और जियोफिजिकल सेंसर से लैस यह ड्रोन किसी भी तरह के मलबे की पूरी तरह स्कैनिंग कर सकते हैं। इनकी मदद से सुरंग के अंदर के हालात रिकॉर्ड किए जा रहे हैं। इसके बाद एआइ की मदद से डाटा इक_ा किया जा रहा है। इस डाटा से बचाव अभियान को काफी मदद मिल रही है।

ऋषिकेश एम्स अलर्ट

सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के बाद ऋषिकेश स्थित एम्स लाया जाता है। इसके लिए एम्स के चिकित्सकों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। एम्स के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि श्रमिकों को एयरलिफ्ट कर लाया एम्स लाया जा सकता है। इसके लिए 41 बेडों की व्यवस्था की गई है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की चार टीमें गठित कर उन्हें अलर्ट मोड पर रखा गया है।

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