scriptRule Changes from 1st July: थाने में FIR दर्ज करवाने से लेकर क्रेडिट कार्ड के बिल तक, 1 जुलाई से बदल रहे ये 10 बड़े नियम | 10 big Rule Changes from 1st July From filing FIR in police station to credit card bill | Patrika News
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Rule Changes from 1st July: थाने में FIR दर्ज करवाने से लेकर क्रेडिट कार्ड के बिल तक, 1 जुलाई से बदल रहे ये 10 बड़े नियम

Rule Changes from 1st July: देश में 1 जुलाई से कई कानून बदलने जा रहे हैं। जीएसटी में बदलाव से लेकर क्रेडिट कार्ड में बदलाव और IPC के कानूनों में बदलाव होने जा रहा है। इन कानूनों के बदलाव से आपके जीवन में सीधे तौर पर असर होगा। चलिए जानते हैं इन नियमों को…

नई दिल्लीJun 25, 2024 / 11:09 am

Anish Shekhar

Rule Changes from 1st July: 1 जुलाई 2024 से भारत में कई महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे। जिसके बाद से कई नई नीतियां लागू होगी, और पुरानी नीतियों में अहम बदलाव आएंगे, जो देश की आम जनता, व्यापार और प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर व्यापक प्रभाव डालेंगी।

1. जीएसटी कानून में बदलाव

1 जुलाई 2024 से जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के नियमों में कुछ अहम बदलाव हो रहे हैं, जो व्यापारियों और करदाताओं के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकते हैं।

-धारा 50 का संशोधन: जीएसटी कानून के सेक्शन 50 में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए है। इसके तहत, इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) पर, जहां पहले इस गलती पर आपको 18% ब्याज देना पड़ता था, लेकिन अब इसे घटाकर 12% कर दिया गया है।
 इसका मतलब है कि अगर आपसे गलती हो जाती है तो अब आप पर पहले के मुकाबले कम वित्तीय बोझ पड़ेगा। यह बदलाव इसलिए किया जा रहा है ताकि व्यापारियों का जीवन थोड़ा आसान हो और वे बिना चिंता के अपने बिजनेस पर ध्यान दे सकें।
 इससे टैक्स फाइल करने की प्रक्रिया को भी बढ़ावा मिलेगा क्योंकि कम ब्याज दर के चलते व्यापारी अपने कर संबंधित कामों को ठीक से कर पाएंगे।
-GSTR-3B फॉर्म में बदलाव: GSTR-3B फॉर्म को सरल और उपयोगकर्ता के अनुसार बनाया जाएगा। इस बदलाव से करदाताओं के लिए रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया को आसान किया जाएगा। अब फॉर्म भरते वक्त ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी और गलतियों की संभावना भी कम होगी। इससे टैक्स फाइलिंग की प्रक्रिया में सुधार होगा और करदाता सही जानकारी आसानी से दे सकेंगे।
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2. आधार-आधारित सर्टिफिकेट साइनिंग

डिजिटल सर्टिफिकेट्स: 1 जुलाई से, अब आप अपने दस्तावेज़ों को डिजिटल रूप में साइन और वेरिफाई कर सकेंगे आधार नंबर के जरिए। इससे आपके दस्तावेज़ों की प्रामाणिकता और वेरिफिकेशन की प्रक्रिया भी बहुत तेज़ और सुरक्षित हो जाएगी। अब सरकारी काम, बैंकिंग और अन्य जरूरी कामों में इसका इस्तेमाल होगा, ताकि फर्जीवाड़े का कोई मौका ना हो।

3. अब ऑनलाईन माध्यम से जारी किया जाएगा कारण बताओ नोटिस

Show Cause Notice: सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, सभी कारण बताओ नोटिस अब डिजिटल माध्यम से ही जारी किए जाएंगे। इस पहल से न केवल समय की बचत होगी बल्कि सरकारी कागजी कार्रवाई को भी कम किया जा सकेगा। नागरिकों और व्यवसायों को अब नोटिस प्राप्त करने और उसका जवाब देने के लिए लंबी प्रक्रियाओं से नहीं गुजरना पड़ेगा।

4. क्रेडिट कार्ड नियमों में बदलाव

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रेडिट कार्ड के नियमों में बदलाव किए हैं, जो 1 जुलाई से लागू होंगे। अब से, क्रेडिट कार्ड के उपयोग में स्वीकृति के बिना शुल्क लगाने पर रोक लगेगी। इसके अलावा, कार्ड की सुरक्षा में सुधार किया गया है और विवाद समाधान प्रक्रिया को भी सुधारा गया है। यह बदलाव क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक सुरक्षित और उपयोग में आसानी लाने का प्रयास है। रिजर्व बैंक ने यह बदलाव वित्तीय संस्थाओं की समीक्षा और स्वीकृति के बाद किए हैं, ताकि इससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिल सकें और वित्तीय समाधान की प्रक्रियाएं सुधारी जा सकें।
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5. आधार-वोटर आईडी लिंकिंग

चुनाव आयोग ने 1 जुलाई से वोटर आईडी को आधार नंबर से लिंक करना अनिवार्य कर दिया है। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची में दोहराव को कम करना और चुनावी प्रक्रिया को और मजबूत और साफ-सुथरा बनाना है। यह बदलाव चुनावों की प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ाने का प्रयास है, साथ ही वोटर आईडी को आधार से जोड़कर वित्तीय और अन्य सरकारी सहायताओं तक पहुंच में सुधार करने में भी मदद करेगा। इसके माध्यम से आयोग ने चुनावी प्रक्रिया में टेक्नोलॉजिकल मॉर्डनाइजेशन के लिए भी कदम उठाया है।

6. बीएनएस (BNS) सिस्टम को अमल में लाया जाएगा

बेसिक नंबरिंग सिस्टम (BNS): 1 जुलाई से BNS सिस्टम शुरु हो रहा है। इसका मतलब है कि अब सभी सरकारी काम और दस्तावेज़ों को एक नया यूनिक आईडेंटिटी नंबर (यूआईडी) दिया जाएंगा। इस सिस्टम का उद्देश्य है कि सभी काम की प्रक्रियाएँ और उनका ट्रैकिंग अब और भी आसान और सुगम हो सके। यह सिस्टम सरकारी दफ्तरों के साथ-साथ अन्य सेवाओं और पेमेंट्स में भी मददगार साबित होगा, जिससे सब कुछ ठीक-ठाक और समय पर होगा।

7. ई-इंवॉइसिंग नियमों का विस्तार

भारत सरकार ने ई-इंवॉइसिंग की सीमा को घटाकर, 1 जुलाई से लागू होने वाले नए बदलाव के तहत 5 करोड़ कर दिया है। इसका मकसद छोटे और मीडियम एंटरप्राइज को भी ई-इंवॉइसिंग के दायरे में लाना है, ताकि उन्हें व्यापारिक प्रक्रियाओं में अधिक सहूलत मिल सके और कारोबार को टैक्स कंप्लायंस में सुधार करने में मदद मिल सके। यह नया नियम छोटे एंटरप्राइज के लिए खास रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्हें अब अधिकतम लिमिट के बाहर ई-इंवॉइस जारी करने की आवश्यकता नहीं होगी और व्यावसायिक प्रक्रियाएँ और टैक्स रिटर्न फाइलिंग में सुधार होगा।

8. रेलवे रिजर्वेशन में सुधार

भारतीय रेलवे ने 1 जुलाई से टिकट रिजर्वेशन और कन्फर्मेशन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। यह सुधार यात्रियों को बुकिंग और यात्रा के दौरान अधिक सुविधा प्रदान करेगा। नए नियमों के तहत, यात्री अब अपनी सीट पर बैठे-बैठे ही टिकट की बुकिंग, रद्दीकरण, और पुनःप्राप्ति कर सकेंगे। इसके अलावा, नए ऑनलाइन सुविधाएँ भी शामिल हैं जो यात्रियों को टिकट खरीदने में और प्राप्ति करने में मदद करेंगी। यह सुधार रेलवे सेवाओं को ज्यादा सपॉर्टबल और प्रभावी बनाने के लिए कदम है।
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9. ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में बदलाव

1 जुलाई 2024 से ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में सरलता और तेजी लाने के लिए कई नए नियम लागू होंगे। अब ट्रेडमार्क दर्जा प्राप्त करने के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया और स्वीकृति में बेहतर सुविधा होगी। नए नियम ट्रेडमार्क दाताओं को जल्दी से अपने हक को प्राप्त करने में मदद करेंगे और संभावना है कि यह भारतीय व्यापार और विदेशी निवेशकों के लिए एक आसान और प्रेरणा का कैंद्र बन सकता है।

10. कानूनी और आपराधिक कानूनों में क्रांतिकारी बदलाव

भारतीय दंड संहिता (IPC) और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) में बड़े बदलाव लागू होंगे, जिनका उद्देश्य कानूनी प्रक्रियाओं को तेज और अधिक न्यायसंगत बनाना है। 1 जुलाई 2024 से भारत में आपराधिक कानूनों में कई महत्वपूर्ण बदलाव आने जा रहे हैं। इससे अब अपराधियों के खिलाफ जल्दी सुनवाई होगी और गवाहों की सुरक्षा में भी सुधार होगा। साइबर अपराधों के खिलाफ भी सख्त नियम लागू किए जाएंगे, जो आम लोगों के लिए इंटरनेट सुरक्षा में बढ़ी मुश्किलें रोकेंगे। ये सुधार कानूनी प्रक्रियाओं को अधिक सुगम और न्यायसंगत बनाने का उद्देश्य रखते हैं।

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