scriptतवा-नर्मदा के संगम पर बांद्राभान मेला 25 नवंबर से, कार्तिक पूर्णिमा पर इस बार 5 लाख श्रद्धालु स्नान कर करेंगे मोक्ष की कामना | kartik purnima bandrabhan fair 2023 start from 25 november on narmada and tawa firve sangam narmadapuram mp | Patrika News
नर्मदापुरम

तवा-नर्मदा के संगम पर बांद्राभान मेला 25 नवंबर से, कार्तिक पूर्णिमा पर इस बार 5 लाख श्रद्धालु स्नान कर करेंगे मोक्ष की कामना

नर्मदा नदी और तवा नदी के संगम स्थल पर आयोजित इस बांद्राभान मेले में कार्तिक पूर्णिमा पर भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ता है। 4 दिवसीय इस मेले में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने और मोक्ष की कामना लिए यहां पहुंचते हैं।

नर्मदापुरमNov 16, 2023 / 09:33 am

Sanjana Kumar

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कार्तिक महीने में बांद्राभान स्नान का विशेष महत्व माना गया है। मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम (होशंगाबाद) में कार्तिक पूर्णिमा पर हर साल बांद्राभान मेले का आयोजन किया जाता है। नर्मदा नदी और तवा नदी के संगम स्थल पर आयोजित इस बांद्राभान मेले में कार्तिक पूर्णिमा पर भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ता है। 4 दिवसीय इस मेले में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने और मोक्ष की कामना लिए यहां पहुंचते हैं।नर्मदा नदी और तवा नदी के पवित्र संगम स्थल पर स्नान का इतिहास भी बेहद खास है। आप भी जानें बांद्राभान को आखिर क्यों माना जाता है खास…

नर्मदा नदी और तवा नदी के संगम स्थल पर 25 नवंबर से 4 दिवसीय बांद्राभान मेला शुरू हो जाएगा। इस मेले में प्रदेश ही नहीं बल्कि, देशभर से लोग पहुंचते हैं, नर्मदा नदी और तवा नदी के इस संगम स्थल पर लाखों लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करेंगे, यहां स्नान का काफी महत्व है, यही कारण है कि लोग मोक्ष की कामना लेकर यहां पहुंचते हैं और चार दिन तक यहीं रुकते हैं, ये मेला नदी किनारे लगने के कारण आकर्षण का केंद्र रहता है। ये मेला मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम (होशंगाबाद) से करीब 8 किलोमीटर दूर बांद्राभान में हर साल लगता है।

 

 

साल में दो बार लगता है बांद्राभान मेला

आपको बता दें कि बांद्राभान का मुख्य मेला जहां नर्मदापुरम में मुख्य शहर से यह संगम स्थल 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बांद्राभान का विशाल मेला संगम स्थल के एक किनारे पर तो वहीं संगम स्थल के दूसरी ओर सीहोर जिले के बुदनी तहसील के बुदनी-शाहगंज मार्ग पर बांद्राभान घाट का दूसरा छोर है। यह बुदनी से 12 किमी की दूरी पर है। संगम स्थल के इस दूसरे किनारे पर भी लोग साल में दो बार मकर संक्रांति और कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने पहुंचते हैं। चार दिवसीय इस मेले में लाखों श्रद्धालु स्नान कर पुण्य कमाते हैं। भोपाल से 80 किमी तथा सीहोर जिला मुख्यालय से 120 किमी की दूरी पर स्थित इस मेले में पहुंचने के लिए बुदनी तक रेल सुविधा है।

बांद्राभान का इतिहास

बांद्राभान के बारे में कई मान्ताएं हैं। एक मान्यता के अनुसार माना जाता है कि प्राचीन समय में किसी राजा को श्राप मिला था कि वह बंदर की तरह दिखेगा। माना जाता है कि श्राप के बाद से ही राजा का रूप वानर जैसा हो गया था। इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए राजा नर्मदा और तवा नदी के संगम पर आया और उसने कड़ी तपस्या की। माना जाता है उसकी तपस्या से के कारण उसे इस श्राप से मुक्ति मिल गई थी। वहीं उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई। तब से इस जगह को बांद्राभान कहा जाता है। बांद्राभान का अर्थ होता है बंदर। यही नहीं माना यह भी जाता है कि प्राचीन समय में यहां पांडवों ने निवास किया था और उन्होंने यहां तपस्या की थी। कहा जाता है कि ऐसे कई ऋषि-मुनि हुए हैं, जिन्होंने इस संगम स्थल पर तपस्या करते हुए ही मोक्ष पाया। किंवदंती है कि संगम पर कई तपस्वियों ने मोक्ष के लिए तपस्या की थी।

कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान का है विशेष महत्व

हर साल यहां कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान का विशेष महत्व माना गया है। वहीं मेला आयोजकों का कहना है कि इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर पांच लाख लोगों के मेले में आने की संभावना है। तीन दिवसीय यह मेला इस बार 25 नवंबर को शुरू होगा और 28 नवंबर तक रहेगा। इन चार दिनों में यहां लाखों श्रद्धालु स्नान कर पुण्य कमाएंगे और मोक्ष की कामना करेंगे। मुख्य स्नान कार्तिक पूर्णिमा पर 27 नवंबर को होगा। मेला आयोजकों के मुताबिक इस मेले को लेकर सारी तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

इस बार भी हर साल की तरह तवा नर्मदा नदी के संगम स्थल पर श्रद्धालुओं के स्नान की जगह तय कर बांस के बेरिकेड्स और जाल लगाए जाएंगे। ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के स्नान कर पूजा-अर्चना कर सकेंगे। यहां होमगार्ड के तैराक सैनिक भी नियुक्त रहेंगे। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नर्मदापुरम एसपी गुरकरन सिंह ने बताया कि मेला स्थल व अन्य चिन्हित स्थानों पर पुलिस बल तैनात रहेगा। मेला स्थल सहित नर्मदा नदी के सभी घाटों पर गोताखोर/तैराक व होमगार्ड जवानों की तैनाती की जाएगी। मेला स्थल सहित नर्मदा नदी के सभी घाटों पर श्रद्धालुओं के सहयोग के लिए नपा कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे।

जानें कब है कार्तिक पूर्णिमा 2023

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 26 नवंबर रविवार को दोपहर 3 बजकर 53 मिनट से शुरू हो जाएगी। इस तिथि का समापन 27 नवंबर शुक्रवार को दोपहर 02 बजकर 45 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर सोमवार को होगी। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा का व्रत और स्नान किया जाएगा।

कार्तिक पूर्णिमा 2023 स्नान-दान मुहूर्त

कार्तिक पूर्णिमा 2023 स्नान-दान मुहूर्त 27 नवंबर को ब्रह्म मुहूर्त से ही कार्तिक पूर्णिमा का स्नान और दान किया जाएगा। इसी दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 5 मिनट से सुबह 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। ब्रह्म मुहूर्त से दिनभर कार्तिक पूर्णिमा का स्नान-दान शुरू हो जाएगा। कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त या अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। शिव योग और कृत्तिका नक्षत्र में होगा कार्तिक पूर्णिमा स्नान आपको बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन शिव योग, सिद्ध योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। कार्तिक पूर्णिमा को शिव योग प्रात:काल से लेकर रात 11 बजकर 39 मिनट तक है, उसके बाद से सिद्ध योग अगले दिन तक रहेगा। पूर्णिमा वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 01 बजकर 35 मिनट से शुरू होगा और 28 नवंबर को प्रात: 06 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। कार्तिक पूर्णिमा को दोपहर 01 बजकर 35 मिनट तक कृत्तिका नक्षत्र है, उसके बाद से रोहिणी नक्षत्र है।

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