इसके साथ ही ढोढरिबेड़ा में निवासरत मेटाम दंपति के बेटी तबियत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी। इससे मेटाम दंपति अपनी बेटी को लेकर सोनपुर स्वास्थ केंद्र के लिए निकले थे। लेकिन बेलगर नाला में बाढ़ आ गई थी। इससे मेटाम दंपति पानी उतरने की राह ताक रहे थे। लेकिन बेटी तबियत को देखकर पिता ने जान जोखिम में डालकर किसी तरह धीरे धीरे पुल पार दूसरे छोर पर खड़े स्वास्थ्य कर्मियों के पास पहुचे। जहाँ पर अपनी बेटी के तबियत के बारे जानकारी देने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दी गई दवाई को लेकर वापस पुल पार अपनी बेटी के पास पहुँचकर वापस अपने गृहग्राम लोटे।
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इस तरह अबुझमाड़ का सभी जगह से जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। इससे ग्रामीणों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार जिले 1 सप्ताह से लगातार बारिश हो रही है। इससे जिले जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। इससे लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिले में लगातार हो रही बारिश से ओरछा मार्ग पिंनगुण्डा नाला में बाढ़ आ गई है। इससे ओरछा ब्लॉक मुख्यालय का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। इसके साथ ही जिला मुख्यालय से नवीन कैम्प मोहन्दी एवं कस्तूरमेटा का बारह मासी संपर्क बना रहने के लिए जिला मुख्यालय से कुतुल जाने वाले मार्ग पर आकाबेडा के आगे 2 नवीन पुल का निर्माण किया गया था। लेकिन नवनिर्मित पुलिया पहली बारिश नहीं झेल पाया है। इससे जिले में लगातार हो रही बारिश से 2 नवनिर्मित पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई है।
इससे जिला मुख्यालय से कुतुल जाने वाले मार्ग पर आवागमन बाधित हो गया है। इसके साथ ही जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर सोनपुर में भारी वर्षा से बेलगर नाले के पुल के ऊपर से पानी बह रहा है। पुल के दूसरी और 5 किलोमीटर ग्राम ढोढरिबेड़ा का एक दंपति अपनी की बेटी की तबीयत बिगड़ने पर पैदल उप स्वास्थ्य केंद्र सोनपुर ला रहा था ।
लेकिन पुल पर तेज बहाव होने की वजह से वह काफी देर तक इंतजार करते रहे। लेकिन बेटी की तबीयत बिगड़ती जा रही थी। इससे सुखलाल मेटाम ने अपनी तेज बहता पानी में धीरे-धीरे पुल को पार किया। इसके बाद वापस जाकर पत्नी व बच्ची को पुल पार करने का फैसला लिया। इधर पुल के दूसरी ओर स्वास्थ्य कर्मी फंसे हुए थे। वह पानी कम होने का इंतजार कर रहे थे।
वहीं स्वास्थ्य कर्मी लक्ष्मण कुमार नेत्र सहायक अधिकारी व उनकी टीम सुखलाल के लिए देवदूत साबित हुए उन्होंने बच्ची की बीमारी के संबंध में जानकारी ली फिर सोनपुर से दवा लाकर पिता को दी। वही पानी कम होने के बाद अस्पताल लाकर चेकअप कराने कहा इसके बाद पिता दवा लेकर पुल पारकर पत्नी व बच्ची के साथ गांव लौट गया।