देवप्रबोधिनी एकादशी पर नागदा एक अनूठे विवाह समारोह का साक्षी बना। यहां आधुनिक युग की एक मीरा ने समाज के सामने ठाकुरजी से सात जन्मों का बंधन बांध लिया। दिव्यांग युवती सुमनकुंवर ने लक्ष्मीनारायण मंदिर में ठाकुरजी की प्रतिमा से विवाह कर लिया। उसने मेरे तो गिरधर गोपाल, दूजो न कोई का भजन चरितार्थ कर दिया।
बिरलाग्राम स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर में यह विवाह समारोह पूरे रीति-रिवाज से हुआ। परिवार ने सभी रीति-रिवाज का निर्वहन किया। बेटी का कन्यादान करते हुए पिता के आंसू बह निकले। पंडित गोपालदत्त शास्त्री ने सुमन कुंवर को आशीर्वाद दिया।
यह भी पढ़ें:मरते दम तक निभाई दोस्ती पर मां-पत्नी और मासूम बेटी को बिलखता छोड़ गए ई-ब्लॉक निवासी मकतुलसिंह शेखावत ने अपनी दिव्यांग बेटी सुमनकुंवर का विवाह ठाकुरजी की प्रतिमा कराया। मकतुलसिंह ने बताया कि बेटी सुमनकुंवर बचपन से हाथ-पैरों से दिव्यांग है। ठीक से बोलने में भी असमर्थ है। ऐसे में वह व्हीलचेयर पर रहती है।
सुमनकुंवर ने जब मीरा की भांति ठाकुरजी की प्रतिमा से विवाह की इच्छा जाहिर की तो परिजन सहर्ष राजी हो गए। तुलसी विवाह के दिन बिरलाग्राम स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर में पंडित गोपालदत्त शास्त्री ने मंत्रोच्चार से दिव्यांग सुमनकुंवर का विवाह ठाकुरजी की प्रतिमा से कराया।