उन्होंने कहा कि पर्युषण धर्म जागरण का एक ऐसा पर्व है। इसमें श्रावक-श्राविकाएं सांसारिक प्रवृत्तियों से निवृत्त होकर धर्म आराधना व जप तप में आत्म जागरण हेतु पुरुषार्थरत रहते हैं। स्वाध्यायी प्रेमलता ललवानी ने कहा कि पर्युषण पर्व प्रतीक्षा को प्रतिज्ञा में बदलने का अवसर है। इन आठ दिनों में अंतगड सूत्र की वांचनी की जाती है। सभी जैन आगमों में अंतगड सूत्र ही ऐसा है। जो पूरे आठ दिनों के अंदर पूर्ण किया जा सकता है। कार्यक्रम में अंतगड सूत्र व कल्प सूत्र का वाचन किया गया। सूर्यास्त के पश्चात श्रावक व श्राविकाओं का प्रतिक्रमण हुआ। प्रवचन की प्रभावना व लकी ड्रा विजेता को पुरस्कृत करने के लाभार्थी किशोरचंद, पवन, अरिहंत पारख थे। प्रिया नाहटा ने तेले तप प्रत्याखान ग्रहण किया। इस दौरान प्रकाशचंद बोहरा, किशोरचंद ललवानी, हरकचंद ललवानी, धनराज सुराणा, कमलचंद ललवानी व प्रेमलता ललवानी आदि मौजूद थे।