दरवाजों का रहस्य आज तक नहीं खुला मंदिर मार्गी ट्रस्ट के अध्यक्ष धीरेन्द्र समदडिय़ा ने बताया कि कांच का मंदिर नागौर जैन श्वेतांबर मंदिर मार्गी ट्रस्ट की पेढ़ी है। मंदिर में नक्काशीदार दरवाजे लगे हुए हैं, जिनमें हाथी दांत में नक्काशी करके लगाया गया है। मंदिर के दरवाजे में लगे लॉक का रहस्य आज तक कोई समझ नहीं पाया हैं। कई कारीगरों को बुलाकर पता करने का प्रयास किया, लेकिन लॉक कैसे लगेगा और कैसे खुलेगा, यह पता नहीं चल पाया।
अनूठा है माळ महोत्सव मंदिर के पुजारी हेमंत एवं मुनीम गोरधनदास ने बताया कि पूरे भारत में अकेले नागौर के इस मंदिर में ही माळ महोत्सव मनाया जाता है। यह संवत्सरी से एक दिन पहले मनाया जाता है, जिसमें भगवान को माला पहनाने वाले व्यक्ति का पूरे शहर में जुलूस निकालकर उसे घर तक पहुंचाया जाता है।
आंगी रचना में लगते हैं तीन से चार घंटे पर्युषण पर्व में रोजाना भगवान की प्रतिमा पर आंगी रचना की जाती है। यह कार्य जैन समाज के नितेश तोलावत, अभिषेक चौधरी, सुमित चोरडिय़ा, सौरभ सुराणा, अर्पित तोलावत व गजेन्द्र सुराणा करते हैं, जिन्हें रोजाना तीन से चार घंटे लग जाते हैं।