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नागौर

दस के सिक्के लेने से मना करने पर हो सकती है उम्रकैद, विशेषज्ञों से जानिए क्या है कानून

भारतीय मुद्रा का चलन रोक नहीं सकते, विशेषज्ञ बोले – वित्तीय लेन-देन बाधित करने पर हो सकती है कड़ी कार्रवाई

नागौरSep 21, 2024 / 04:13 pm

shyam choudhary

नागौर. पिछले काफी समय से अक्सर लोगों में 10 रुपए के सिक्के को लेकर कन्फ्यूजन चल रहा है। इसे लेकर भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) समय-समय पर अलर्ट करते रहते हैं, लेकिन आज भी नागौर के बाजारों में कई जगह इस कन्फ्यूजन के कारण 10 रुपए के सिक्के को लेने से दुकानदार इनकार करते हैं। दस रुपए का सिक्का एक भारतीय मुद्रा है, इसका चलन रोकना व आमजन से दूर करना बैंकिंग व्यवस्था को प्रभावित करना है। रिजर्व बैंक की लाइडलाइन व कानून में वित्तीय लेन-देन बाधित करने के संदर्भ में कड़े प्रावधान हैं। दस के सिक्कों के लेन-देन को नागौर के बाजार में निर्बाध रूप से बनाए रखना व्यापारियों व ग्राहकों का मौलिक अधिकार है। इसको लेकर पत्रिका ने बैंकिंग व विधिक एक्सपर्ट से बातचीत की।
क्या 10 लाइन वाला सिक्का है असली?

दरअसल कुछ लोग मानते हैं कि रुपए के सिक्के छपी 10 लाइन वाला सिक्का ही असली हैं, जबकि 15 लाइन वाला सिक्का नकली हैं, लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने खुद इसका सच बताया है। रबीआई के मुताबिक, भारत सरकार व भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जारी विभिन्न आकार और डिजाइन के 10 रुपए के सिक्के वैध मुद्रा हैं, कानूनी निविदा के रूप में इनका सभी लेनदेन में इस्तेमाल किया जा सकता हैं।
आरबीआई ने खुद बताया ये सच

आरबीआई पहले भी कई बार इस बात को लेकर कन्फ्यूजन दूर कर चुका है। सेंट्रल बैंक ने इसके लिए अपनी वेबसाइट पर नोट डाला हुआ है, जिसमें 14 तरह के डिजाइन का सिक्कों का जिक्र किया गया है। वहीं एक आईवीआरएस टोल फ्री नंबर भी हैं, जिसमें 10 रुपए के सिक्के से संबंधित जानकारी दी जाती है। आरबीआई का कहना हैं कि सभी तरह के सिक्के ठीक हैं और लोग उन्हें लेने से इनकार न करें। 10 का सिक्का लेने से मना करने पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती हैं।
भारतीय मुद्रा लेने से इनकार, राजद्रोह की श्रेणी

सिक्का अधिनियम 2011 बताता है कि कोई भी व्यक्ति सिक्का लेने से मना नहीं कर सकता। मना करने वाले पर भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934, भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। भारतीय मुद्रा को लेने से मना करना राजद्रोह की श्रेणी में आता है। भारतीय दंड विधान संहिता, 1980 की धारा 124ए के तहत दंडनीय अपराध है। इसमें 3 वर्ष से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। कोई व्यक्ति सही सिक्के को नकली बता अफवाह फैलाता है तो कार्रवाई की जा सकती है। सिक्का गलाना भी अपराध है, जिसमें सात साल तक सजा हो सकती है।
– गोविन्द्र कड़वा, अधिवक्ता, नागौर

सरकार को जोर सिक्कों पर

कोई भी ग्राहक एक दिन में सभी मूल्य वर्ग के एक हजार रुपए तक के सिक्के बैंक में जमा करवा सकता है। हालांकि सिक्कों का चलन बाजार में छुट्टे रुपए की समस्या से निबटने के लिए है, न कि बैंक में जमा कराने के लिए। अभी 10 रुपए का नोट बाजार में उपलब्ध नहीं हो रहा है, इसलिए आने वाले समय में दस के सिक्कों की मांग बाजार में बढ़ेगी। आरबीआई ने दस रुपए का नोट छापना लगभग बंद कर दिया है, ताकि सिक्के बाजार में सर्कुलेट हो। सिक्के व एक रुपए का नोट भारत सरकार जारी करती है और बाकी करेंसी आरबीआई, इसलिए आरबीआई को छोटे नोट कम छापने के लिए कहा गया है।
– रामूराम लोयल, उपाध्यक्ष, बैंक ऑफ बड़ौदा कर्मचारी यूनियन जयपुर जोन

मना करने पर लग सकता है जुर्माना

भारतीय रिजर्व बैंक के स्पष्ट निर्देश हैं कि कोई भी बैंक दस रुपए का सिक्का सहित कोई भी करेंसी लेने से मना नहीं कर सकते। हालांकि नागौर में चेस्ट बैंक एक ही होने से वहां आम लोगों के साथ बैंकों को भी दस के सिक्के जमा कराने में परेशानी आती है। लेकिन यदि कोई व्यक्ति किसी की बैंक की ओर से सिक्के नहीं लेने संबंधी शिकायत आरबीआई को कर दे तो बैंक पर जुर्माना लगाया जाता है और कार्रवाई भी होती है।
– पवन काला, सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर, नागौर

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