bell-icon-header
नागौर

Rajasthan news : लू में रामबाड़ है ये पौधा, सांप के जहर को काटने की रखता है ताकत, लेकिन अब…

Rajasthan news : अल्प बरसात वाले क्षेत्र और अधिक गर्मी वाले स्थानों के अनुकूल इस पौधे या झाड़ी का राजस्थान में बहुत महत्व है

नागौरMay 24, 2024 / 12:00 pm

Rakesh Mishra

Rajasthan news : मरुभूमि में मरुस्थलीय पौधा फोगड़ा लुप्त होने लगा है। यह एक झाड़ीनुमा पौधा होता है। इसके पुष्प और कली का गर्मी में रायता बनाया जाता है, जो शरीर को ठंडक देने के साथ लू का असर कम करता है। पौधे की ऊंचाई 4 से 6 फीट तक होती है, लेकिन कई बार 10 फीट भी हो जाती है। यह थार के रेगिस्तान भारत और पाकिस्तान में मुख्य रूप से पाया जाता है। स्थानीय लोग इसे फोगड़ा कहते हैं। इसका वनस्पतिक नाम केलिगोनम पॉलीगोनोइडिस है।
अल्प बरसात वाले क्षेत्र और अधिक गर्मी वाले स्थानों के अनुकूल इस पौधे या झाड़ी का राजस्थान में बहुत महत्व हैं। झाड़ी नुमा इस पौधे पर चैत्र मास में पुष्प आते हैं और नई पत्तियों का अंकुरण होता है। इसका महत्व गर्मी के मौसम में काफी बढ़ जाता है। इसकी जड़ों का जाल होता है, जो मरूस्थल की आंधियों में मृदा कटाव को रोकते हैं। फोगड़ा की टहनियों का उपयोग खेत की बाड़ बनाने, पत्तियों का उपयोग चारे और जड़ लुहार कोयले के रूप में उपयोग लेते हैं।

औषधीय उपयोग

इसकी पत्ती का लू, जड़ का गले की खरास, रस का अफीम उतारने और फूल का विष उतारने के रूप में औषधीय उपयोग होता है। इसका काढ़ा बनाकर मसूड़ों की सूजन की दवा के रूप में उपयोग किया जाता है।

आधुनिक खेती से होने लगा नष्ट

वर्तमान समय में यह वानस्पतिक पौधा अतिआधुनिक खेती के तरीकों के कारण विलुप्त होने लगा है। पहले आसानी से सभी जगह नजर आने वाला यह पौधा अब दिखाई नहीं देता है। खेती में उपयोग किए जाने वाले ट्रैक्टर और अन्य साधनों से इसकी जड़ जमीन से निकालकर फेंक दी जाती है।
यह भी पढ़ें

एमडी ड्रग्स के बाद गांजे की तस्करी से चौंका एनसीबी, राजस्थान के जोधपुर से हुआ बड़ा खुलासा

संबंधित विषय:

Hindi News / Nagaur / Rajasthan news : लू में रामबाड़ है ये पौधा, सांप के जहर को काटने की रखता है ताकत, लेकिन अब…

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.