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Rajasthan Politics  : नागौर में फिर अचानक गर्माया सियासी पारा, जानें क्यों हनुमान बेनीवाल और ज्योति मिर्धा फिर आमने-सामने?  

मामला नागौर के मेड़ता में बलदेव राम पशु मेले से पशुओं से भरे ट्रकों को मध्य प्रदेश एंट्री से पहले रोकने और ट्रक चालकों के खिलाफ कार्रवाई से जुड़ा है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी नेता हनुमान बेनीवाल और भाजपा नेत्री डॉ ज्योति मिर्धा की एंट्री ने गर्माहट को और ज़्यादा बढ़ाकर रख दिया है। 

नागौरMay 04, 2024 / 01:35 pm

Nakul Devarshi

nagaur
राजस्थान की ‘सुपर हॉट सीट’ नागौर में भले ही लोकसभा चुनाव संपन्न हो गए हों और परिणाम का बेसब्री से इंतज़ार हो रहा हो, लेकिन इस बीच ज़िले में एक अलग ही मामला गर्माया हुआ है। खासतौर से इस मामले में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी नेता हनुमान बेनीवाल और भाजपा नेत्री डॉ ज्योति मिर्धा की एंट्री ने गर्माहट को और ज़्यादा बढ़ाकर रख दिया है। 

ट्रक चालकों की धरपकड़ से जुड़ा है मामला

सामने आया है कि पशु मेले से खरीदकर ले जा रहे 80 से ज्यादा बैलों को मध्य प्रदेश और राजस्थान के भीलवाड़ा में रोका गया। इसके बाद तथाकथित गौरक्षकों ने इन पशुओं को गोशालाओं में छोड़ दिया और व्यापारियों व ट्रक चालकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करवा दिए। इसके बाद मामला गरमा गया। 

कलक्टर से मिलने जा पहुंचे बेनीवाल

पुलिस कार्रवाई से नाराज़ ट्रक चालाक शुक्रवार को आरएलपी विधायक हनुमान बेनीवाल के पास पहुंचे और राहत दिलाने का आग्रह किया। इसपर बेनीवाल उन्हें साथ लेकर जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित के पास पहुंचे, और इस संबंध में चर्चा की। 
वहीं बेनीवाल ने इस मामले को सुलझाने के लिए राजस्थान के मुख्य सचिव, गृह सचिव और मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री उदय प्रताप सिंह, प्रहलाद पटेल व मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता से फोन पर बात की। बाद में बेनीवाल ने बताया कि इस संबंध में उच्च स्तर पर बात हुई है। एक-दो दिन में इन्हें राहत दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे।

… इधर ज्योति मिर्धा आने भी दिया आश्वासन

ट्रक चालकों की पीढ़ा की खबर सुर्ख़ियों में आते ही भाजपा नेत्री डॉ ज्योति मिर्धा भी एक्टिव नज़र आईं। उन्होंने इस मामले को जल्द सुलझाने का आश्वासन सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए दिया। ज्योति मिर्धा ने एक्स पोस्ट पर लिखा, ‘मंदसौर में फंसे ट्रक एवं ड्राइवरों के संदर्भ में मुख्यमंत्री जी के निर्देशों पर राजस्थान का सीनियर पुलिस प्रशासन मध्यप्रदेश के प्रशासन से लगातार संपर्क में है। मैं खुद ज़िला SP, कलेक्टर, पशुपालन मंत्री जी सभी से लगातार संपर्क में हूं।’
मिर्धा ने आगे कहा, ‘मध्यप्रदेश में फिलहाल चुनावी माहौल को लेकर स्थिति गरमाई हुई है और FIR को संज्ञान में लेते हुए सभी गाड़ियां कोर्ट से ही छूटेंगीं, प्रशासनिक दखल से नहीं। अविलंब, वकील कर कोर्ट में अर्ज़ी लगाएँ , ताकि वाहन छूट सकें। राजस्थान सरकार और प्रशासन पूरी मदद में हैं।’

इसे ना बनाएं राजनीतिक मुद्दा: मिर्धा

डॉ ज्योति मिर्धा ने अपनी अपील में कहा कि किसानों से संबंधित इस मुद्दे को राजनीति से परे रखा जाए और एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि हम गौ-हत्या के विरोध में हैं परंतु ये पशु मेड़ता के विश्व प्रसिद्ध श्री बलदेव पशु मेले से खेती के कार्य के लिए ले जाए जा रहे थे और ये कानूनी रूप से सही है। ये तीन साल से अधिक आयु के गौवंश थे, जिन्हें मेड़ता से पूरे जायज दस्तावेजों के साथ रवाना किया गया था। ये पशु मेले हमारे किसानों की आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।’
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36 घंटे बाद छोड़ा गया

ट्रक चालक गणपतराम जाट, गोविंदराम, गणपत लाल जाट, रामेश्वर चौधरी, गोपालराम, मोहन जाट ने बताया कि उनके 46 ट्रकों को मध्य प्रदेश के पिपलिया थाना क्षेत्र के टोल नाका पर तथाकथित गौरक्षकों ने घेर लिया था। जबरन सारे पशु उताकर व्यापारियों एवं चालकों को थाने में बैठा दिया। उन्हें 36 घंटे तक थाने में बैठाए रखा। ट्रक चालकों का कहना था कि हर माह ट्रकों की किस्त देनी पड़ रही है, ट्रक ही इनके रोजगार का साधन था। वे कोर्ट से ही छूटेंगे।

एक हजार बैलों को गौशालाओं में छोड़ा

इन व्यापारियों के पास मेड़ता के बलदेव राम पशु मेले से खरीदे गए नागौर बैलों से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज होने के बाद भी इनके बैलों को पकड़ा गया। करीब एक हजार नागौरी बैल गोशालाओं में बंद हैं। जिनकी कुल कीमत करीब पांच करोड़ बताई जा रही है। पूर्व में भी तथाकथित गौरक्षकों ने जबरन व्यापारियों की गाड़ियां रोकी थी।
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कब, कहां, कितने बैलों को रोका

गत 19 अप्रेल को 28 गाड़ियों में 336 नागौर बैल रवाना किए गए थे। तथाकथित गौरक्षकों ने चित्तौड़गढ़ जिले के शंभूपुरा थाना क्षेत्र में अवैध रूप से उन्हें रोक लिया गया। इसी तरह 27 अप्रेल को 113 गाड़ियों में बैल मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र के लिए रवाना किए गए। इन्हें राजस्थान के रायला थाना जिला शाहपुरा में व 8 गाड़ियों में भेजे गए 90 बैलों को भीलवाड़ा जिले के मांडल थाना क्षेत्र की गौशाला में रखवाया गया। इनमें से 6 बैलों को चुराने का मुकदमा इसी थाने में दर्ज हो हुआ है। इसी तरह से निम्बाहेड़ा थाना में 3 गाड़ियों को रोका गया। इसी प्रकार मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के पिपलिया मंडी थाना में 46 , नीमच थाना में 4 , मानपुर धार मध्यप्रदेश में 6 , नीमच की जीरन पुलिस चौकी में 3 गाड़ियों को रोका गया।

मामला जल्द कराएंगे हल

तथाकथित गौरक्षकों को इसी तरह संरक्षण मिला तो राजस्थान में पशु मेले समाप्त हो जाएंगे। पशुधन का राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान होता है। इस संबंध में मध्य प्रदेश के सरकार के दो मंत्री एवं मंदसौर सांसद से बात की है। उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत करवाकर सकारात्मक हल निकालने को कहा है। व्यापारियों एवं ट्रक चालकों के खिलाफ दर्ज मामलों में इन्हें राहत मिले इसके प्रयास जारी है।
हनुमान बेनीवाल, विधायक खींवसर

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