मृत्युभोज का पैसा शिक्षा व चिकित्सा पर लगाने की अपील
समाज के लोग गांवों में होने वाले सामाजिक समारोह में पहुंचकर न केवल मृत्युभोज के दुष्परिणाम बताते हैं, बल्कि उनसे संकल्प-पत्र भी भरवाते हैं। समाज में किसी की मृत्यु होने पर जब शोक संवेदना व्यक्त करने जाते हैं तो वहां शोक संतप्त परिवार को मृत्युभोज की बजाए बुजुर्गों की याद में शिक्षा, चिकित्सा या सामाजिक सरोकार में राशि खर्च करने के लिए प्रेरित करते हैं। इसके परिणाम स्वरूप समाज में परिवर्तन भी आने लगा है। यह भी पढ़ें – Rajasthan Politics : राजस्थान में उपचुनाव पर नया अपडेट, इस बार पहली बार लड़ेगी यह पार्टी उपचुनाव
इन कुरीतियों पर लगाया प्रतिबंध
- शादी, सवामणी, मृत्यु सहित अन्य कार्यक्रमों में नशे के सेवन पर प्रतिबंध।
- सास-ससुर का निधन होने पर बेटी के घर होना वाला मृत्यु भोज नहीं किया जाएगा।
- शादी व धार्मिक कार्यक्रमों में डीजे व फ्लोर साउंड नहीं बजाया जाएगा।
- मृत्युभोज पर होने वाली मिलनी में कपड़ों का देन-लेन नहीं किया जाएगा।