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नागौर

Rajasthan News: इस जिले में फल-फूल रहा नकली शराब का कारोबार, प्रतिमाह लग रही करोड़ों की चपत

Fake Liquor News: नकली देशी शराब के कारोबार से सरकार को हर माह करीब तीन करोड़ के राजस्व की चपत लग रही है। मकराना के उचेरिया समेत कई गांव नकली देशी शराब के अवैध कारोबार का गढ़ बनते जा रहे हैं।

नागौरSep 27, 2024 / 04:14 pm

Nirmal Pareek

Nagaur News: नकली देशी शराब का काला कारोबार फिर पैर पसराने लगा है। हर माह करीब तीन करोड़ के राजस्व की सरकार को चपत लग रही है। मकराना के उचेरिया समेत कई गांव नकली देशी शराब के अवैध कारोबार का गढ़ बनते जा रहे हैं। ढक्कन/क्वार्टर ही नहीं होलोग्राम तक में फर्क पहचानना मुश्किल हो रहा है। करीब दो साल में नकली शराब के 65 कारखाने पकड़े गए पर इसके बनने या बिकने पर कोई रोक नहीं लग पाई। तकरीबन एक लाख पव्वे बिक रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार अंग्रेजी शराब का अवैध कारोबार हो रहा है पर देशी शराब नकली बन रही है वो भी खुलेआम। स्प्रिट से बनने वाली यह शराब कब जहरीली हो जाए, इसकी कोई गारंटी नहीं। बावजूद इसके इसे पीने वाले भी बहुत हैं तो बेचने-खरीदने वाले भी कम नहीं है। नकली के जहरीले हो जाने का डर आबकारी विभाग को हमेशा सताए रहता है। इसके चलते छापेमारी भी हो रही है पर नकली देशी शराब के अवैध कारोबारियों को पकड़ पाना बड़ा मुश्किल होता जा रहा है।

छह सौ पेटी रोजाना सप्लाई

हाल ही में मौलासर के खाखोली गांव में एक ढाबे में रखी 06 पेटी देशी नकली शराब तो सुरपालिया गांव में दो स्थानों पर दबिश देकर 10 पेटी नकली देशी शराब बरामद की गई है। यह शराब मकराना के उचेरिया गांव से ही सप्लाई हुई है। उचेरिया नागौर (डीडवाना-कुचामन) जिले में सर्वाधिक देशी और वो भी नकली शराब बनाने व बेचने का ठिकाना है। औसतन यहां से करीब छह सौ पेटी नकली देशी शराब की रोजाना सप्लाई की जा रही है। अब आमतौर पर अधिकृत पेटी जब 21 सौ के आसपास की है तो ये हजार-ग्यारह सौ में ग्राहकों तक पहुंच रही है जो सरकार को चपत लगा रही है।
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देशी/नकली शराब बनाने के लिए सबसे आवश्यक स्प्रिट पर रोक नहीं लग पा रही। पंजाब/हरियाणा अथवा अन्य इलाकों से आ रहे स्प्रिट टैंकर से शराब कारोबारी स्प्रिट का जुगाड़ बैठा लेते हैं। ऐसे टैंकरों के ठहराव पर रोक के लिए जीपीएस, ट्रेकिंग, चेक पोस्ट समेत अन्य कदम अभी लागू ही नहीं हो पाए। वन टाइम सील सिस्टम भी कारगर नहीं है, रॉड़ के जरिए इसे खोलकर स्प्रिट की काला बाजारी की जा रही है। स्प्रिट में तीन गुना पानी मिलाकर देशी शराब बनाने की आसान विधि को अपनाकर चांदी काट रहे हैं।

जिम्मेदारों ने क्या कहा?

नागौर जिला आबकारी अधिकारी मनोज बिस्सा का कहना है कि नकली देशी शराब का अवैध कारोबार पैर पसार रहा है। हाल ही में तीन-चार जगह शराब बरामद कर लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उचेरिया समेत कुछ गांव में नकली देशी शराब बनाई जा रही है। कई बार कार्रवाई कर चुके हैं, सूचना मिलते ही आगे भी करेंगे।
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असली-नकली में अंतर करना मुश्किल

माल नकली हो पर लगे असली सा तो फिर कहना ही क्या? क्वार्टर ही नहीं ढक्कन मय होलग्राम, पैकिंग भी शानदार, और तो और कार्टून तक में उपलब्ध। और सबसे बड़े फायदे की बात यह कि ब्राण्ड भी वही पर कीमत आधी। अब ऐसे में जेब को फायदा पहुंचाने के लिए भी कौन है जो असली-नकली के अंतर को समझने की कोशिश करेगा। बताया जाता है कि उचेरिया समेत अन्य गांव की यह नकली देशी शराब नागौर ही नहीं अन्य जिलों तक में सप्लाई हो रही है। खास बात यह है कि पकड़ में आ नहीं रही।

अंकुश लगाने पर मुश्किलें भी खूब

सूत्र बताते हैं कि असल बात तो यह है कि नकली/देशी शराब बनाने के कारखाने/भट्टी गांव के भीतर हैं। उचेरिया जैसे करीब एक दर्जन गांव में रात को ही शराब बनाने के साथ पैकिंग और सप्लाई का काम किया जा रहा है। आबकारी विभाग के पास तो पहले ही नफरी कम और उस पर पुलिस का जाब्ता भी नहीं मिल पाता। यही नहीं इस नकली देशी शराब बनाने के ठिकाने के इर्दगिर्द इनका मुखबिरों का जाल पसरा रहता है जो कई किलोमीटर पहले से ही इनको सचेत कर देता है। पूरा गांव इसके समर्थन में आ खड़ा होता है। ऐसे में इन शराब के अवैध कारोबारियों पर अंकुश लगे भी तो कैसे।
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