सूत्रों के अनुसार अंग्रेजी शराब का अवैध कारोबार हो रहा है पर देशी शराब नकली बन रही है वो भी खुलेआम। स्प्रिट से बनने वाली यह शराब कब जहरीली हो जाए, इसकी कोई गारंटी नहीं। बावजूद इसके इसे पीने वाले भी बहुत हैं तो बेचने-खरीदने वाले भी कम नहीं है। नकली के जहरीले हो जाने का डर आबकारी विभाग को हमेशा सताए रहता है। इसके चलते छापेमारी भी हो रही है पर नकली देशी शराब के अवैध कारोबारियों को पकड़ पाना बड़ा मुश्किल होता जा रहा है।
छह सौ पेटी रोजाना सप्लाई
हाल ही में मौलासर के खाखोली गांव में एक ढाबे में रखी 06 पेटी देशी नकली शराब तो सुरपालिया गांव में दो स्थानों पर दबिश देकर 10 पेटी नकली देशी शराब बरामद की गई है। यह शराब मकराना के उचेरिया गांव से ही सप्लाई हुई है। उचेरिया नागौर (डीडवाना-कुचामन) जिले में सर्वाधिक देशी और वो भी नकली शराब बनाने व बेचने का ठिकाना है। औसतन यहां से करीब छह सौ पेटी नकली देशी शराब की रोजाना सप्लाई की जा रही है। अब आमतौर पर अधिकृत पेटी जब 21 सौ के आसपास की है तो ये हजार-ग्यारह सौ में ग्राहकों तक पहुंच रही है जो सरकार को चपत लगा रही है। यह भी पढ़ें
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देशी/नकली शराब बनाने के लिए सबसे आवश्यक स्प्रिट पर रोक नहीं लग पा रही। पंजाब/हरियाणा अथवा अन्य इलाकों से आ रहे स्प्रिट टैंकर से शराब कारोबारी स्प्रिट का जुगाड़ बैठा लेते हैं। ऐसे टैंकरों के ठहराव पर रोक के लिए जीपीएस, ट्रेकिंग, चेक पोस्ट समेत अन्य कदम अभी लागू ही नहीं हो पाए। वन टाइम सील सिस्टम भी कारगर नहीं है, रॉड़ के जरिए इसे खोलकर स्प्रिट की काला बाजारी की जा रही है। स्प्रिट में तीन गुना पानी मिलाकर देशी शराब बनाने की आसान विधि को अपनाकर चांदी काट रहे हैं।जिम्मेदारों ने क्या कहा?
नागौर जिला आबकारी अधिकारी मनोज बिस्सा का कहना है कि नकली देशी शराब का अवैध कारोबार पैर पसार रहा है। हाल ही में तीन-चार जगह शराब बरामद कर लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उचेरिया समेत कुछ गांव में नकली देशी शराब बनाई जा रही है। कई बार कार्रवाई कर चुके हैं, सूचना मिलते ही आगे भी करेंगे। यह भी पढ़ें