राजस्थान चुनाव 2023: आमेर पिच पर दोनों प्रत्याशी साथ उतरे थे ओपनर, पूनिया एक बार तो प्रशांत दोनों बार हारे
क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे
गांवों में पीने के लिए नहर का पर्याप्त मीठा पानी मिले
शहर के बीच चिकित्सालय खुले
सीवरेज लाइनों को ठीक किया जाए
नागौर विकास प्राधिकरण की स्थापना हों
प्रत्याशी कर रहे ये वादे
नागौर को विकास के क्षेत्र में आगे लाया जाएगा
गांवों में पीने के लिए नहरी पानी पहुंचाया जाएगा
नागौर में चिकित्सा सुविधाओं को और अधिक बेहतर किया जाएगा
बजट का विकास में पूरा उपयोग किया जाएगा
स्थानीय भाषा को तरजीह, बढ़ा रहे मेलजोल
नागौर में स्थानीय भाषा को बड़ी तरजीह है। यही कारण है कि दोनों ही दलों के प्रत्याशी लोगों से मिलने के दौरान या फिर सभाओं में मारवाड़ी में भाषण देना अधिक पसंद कर रहे हैं। लोगों को भी नेताओं का भाषण मारवाड़ी में सुनना अधिक रास आ रहा है। प्रचार में अब धीरे-धीरे सोशल मीडिया का भी उपयोग किया जा रहा है।
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मतदाता भांप रहे हवा का ‘रुख’
दोनों दल अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर पाए हैं कि सरकार बनी तो वे नागौर के लिए क्या करेंगे। नागौर को विकास में आगे लाने के लिए कई जरूरतें हैं। पर्यटन के क्षेत्र में नागौर आगे बढ़ना चाहिए, जो किसी का मुद्दा नहीं।- सोहनसिंह राठी, स्थानीय निवासी
नागौरी नस्ल ने नागौर को देशभर में पहचान दी है, आज अपनी पहचान को तरस रहा है। यही कारण है कि नागौर में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किसका पलड़ा भारी है। मुद्दों पर चुनाव लड़ना होगा, तब लोग मुट्ठी खोलेंगे।- इनायत हुसैन, स्थानीय निवासी
कई समस्याओं से जूझ रहा नागौर
नागौर का जो विकास होना चाहिए था वह नहीं हुआ। आज भी कई समस्याओं से नागौर जूझ रहा है। दोनों दलों ने नागौर के लिए कुछ खास नहीं किया है। जातिवाद की राजनीति हावी है। – मोहनलाल वर्मा, स्थानीय निवासी