नागौर

शिक्षा विभाग की रैंकिंग में पिछड़ा नागौर, 23वें नम्बर पर आया

शाला दर्पण पर अपलोड होने वाली जानकारी के एक दर्जन बिन्दुओं को लेकर हर माह होती है रैंकिंग, प्रदेश के कई बड़े जिले की स्थिति चिंताजनक

नागौरDec 14, 2024 / 11:21 am

shyam choudhary

नागौर. प्रदेश के स्कूलों की शिक्षा स्थिति पर हर महीने जारी होने वाली रैंकिंग में अब सवाल उठने लगे हैं। कुछ जिले जहां शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं नागौर सहित कई बड़े जिलों में पिछले लम्बे समय से सुधार नहीं हो रहा है। सरकारी विद्यालयों की स्थिति सुधारने के साथ शिक्षा विभाग की ओर से दिए गए टास्क को पूरा करने में बड़े जिलों के साथ नागौर (डीडवाना-कुचामन सहित) जिले की स्थिति काफी खराब है। इस बार जारी रैंकिंग में नागौर को 23वीं रैंक मिली है। इसी प्रकार भरतपुर, अलवर, जोधपुर, बाड़मेर,जयपुर, बीकानेर व उदयपुर जिले की रैंकिंग भी 20 से नीचे है। खुद मुख्यमंत्री का जिला शिक्षा में 20 वें पायदान पर है।
इस रैंकिंग से शिक्षा विभाग के प्रयासों और जिलों के विकास की असल हकीकत सामने आई है। जो यह दर्शाते हैं कि कई जिलों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दर अभी भी धीमी है। वहीं, चूरू ने एक बड़ी छलांग लगाते हुए 14वें स्थान से सीधे पहले स्थान पर अपनी जगह बनाई है। हालांकि, शिक्षा विभाग ने यह रैंकिंग पुराने 33 जिलों के हिसाब से जारी की है।
इस आधार पर तय होती है रैंकिंग

सरकारी स्कूलों के संस्था प्रधानों को शाला दर्पण पोर्टल पर अलग-अलग 12 प्रकार के बिन्दुओं से जुड़ी जानकारी अपलोड करनी होती है और हर बिन्दु के अलग-अलग अंक तय हैं। इसमें मुख्य रूप से निम्न बिन्दु हैं-
– प्रतिदिन छात्र उपस्थिति ऑनलाइन करने पर (सभी विद्यालय) 5 अंक।

– इंस्पायर अवार्ड, एनएमएमएस, विज्ञान प्रदर्शनी, राज्य प्रतिभा खोज, ऑनलाइन अपडेट 10 से 15 अंक (सभी विद्यालय)।

– पुस्तकालय की पुस्तकों का विद्यार्थियों को नामांकन का 40 प्रतिशत से अधिक वितरण करने पर 5 अंक।
– आधार, जन आधार प्रमाणीकरण 95 प्रतिशत से अधिक होने पर 5 अंक।

– एसएमसी और एसडीएमसी बैठक में सदस्यों की उपस्थिति 60 प्रतिशत से अधिक होने पर 10 अंक।

– खेल मैदान विकसित 75 प्रतिशत से अधिक होने पर 5 अंक।
– आईसीटी लैब 75 प्रतिशत विकसित होने पर 5 अंक।

– पीटीएम 60 प्रतिशत उपस्थिति पर 5 अंक।

– उजियारी पंचायत और नामांकन वृद्धि 10 प्रतिशत पर 10 अंक।

– विद्यालय में कुल नामांकन के अनुपात में विद्यार्थियों की औसत उपस्थिति 95 प्रतिशत से अधिक होने पर 5 अंक दिए जाते हैं।
राजस्थान शिक्षा रैंकिंग – 2024 (नवंबर माह)

रैंक – जिला – स्कोर

1 – चूरू – 55.00

2 – हनुमानगढ़ – 54.31

3 – सीकर – 53.66

4 – कोटा – 53.64
5 -चित्तौडगढ़़ – 53.22

6 -टोंक – 51.37

7 -डूंगरपुर – 51.12

8- भीलवाड़ा – 51.08

9 -गंगानगर – 50.93

10 -अजमेर – 50.92

11- राजसमंद – 50.66
12 -जैसलमेर – 50.65

13 -झालावाड़ – 50.42

14 -झुंझुनूं – 50.25

15 -पाली – 50.09

16 -सवाई माधोपुर – 49.75

17 -धौलपुर – 49.72

18 – करौली – 49.32
19 -बूंदी – 48.82

20 -भरतपुर – 48.09

21 – अलवर – 48.04

22 – जोधपुर – 47.93

23 – नागौर – 47.69

24 – प्रतापगढ़ – 47.18

25 – बारां – 46.71
26 – जालोर – 46.64

27 – बाड़मेर – 46.54

28 – जयपुर – 44.64

29 – बीकानेर – 44.26

30 – दौसा – 40.00

31 – उदयपुर – 39.47
32 – सिरोही – 38.23

33 – बांसवाड़ा – 35.29

निदेशक ने दिए सुधार के निर्देश

शिक्षा विभाग की नवम्बर माह की रैंकिंग में पिछडऩे वाले जिलों के शिक्षा अधिकारियों को माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने सुधार करने के निर्देश दिए हैं।

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