गंगवार ने कहा कि 90 दिनों तक होने वाली खरीद में 16.62 लाख मीट्रिक टन सरसों एवं चना की खरीद की जानी है। उन्होंने कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए खरीद प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपादित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि एक मई से पुन: पंजीयन भी प्रारंभ किया जा रहा है। इसलिए सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखें। प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि किसानों से सीधी खरीद के लिए 136 मुख्य अनाज मंडियों में से 130 मंडियों, 296 गौण मंडियों में से 280 मंडियों ने अपना कार्य शुरू कर दिया है। 1426 कृषि प्रसंस्करण यूनिट को लाइसेंस जारी हो चुके हैं, जिसमें से 897 कार्य कर रहे हैं तथा 560 गौण मंडियां घोषित जीएसएस एवं केवीएसएस में से 220 ने भी कार्य शुरू कर दिया है। उन्होंने निर्देश दिए कि कफ्र्यू क्षेत्र को छोडकऱ शेष क्षेत्र में समन्वय बनाकर किसानों से सीधी खरीद के लिए प्रोत्साहित किया जाए एवं अक्रियाशील गौण मंडियों को सक्रिय किया जाए।
गंगवार ने कहा कि स्थानीय व्यापारियों को भी लाइसेंस दिए जाएं। खरीद की विकेन्द्रीकरण व्यवस्था से किसानों को फायदा मिलेगा एवं जीएसएस तथा केवीएसएस की आमदनी में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रोसेसिंग इकाइयों को सुविधा एवं मदद प्रदान करें, ताकि किसानों को प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य पर सीधी खरीद का लाभ मिल सके। उन्होंने हिदायत दी कि किसानों के साथ ठगी नहीं होनी चाहिए। इसके लिए किसानों को भी जागरूक करें।
उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर पहली बार स्थापित किए गए खरीद केन्द्रों पर विशेष फोकस करें, ताकि सकारात्मक माहौल में खरीद हो सके। उन्होंने खरीद के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजर, केन्द्रों पर लाइनिंग एवं रिंग बनाने एवं मास्क के उपयोग करने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर पहली बार स्थापित किए गए खरीद केन्द्रों पर विशेष फोकस करें, ताकि सकारात्मक माहौल में खरीद हो सके। उन्होंने खरीद के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजर, केन्द्रों पर लाइनिंग एवं रिंग बनाने एवं मास्क के उपयोग करने के निर्देश भी दिए।
ढाई सौ करोड़ का ऋण वितरित
गंगवार ने कहा कि एक लाख से अधिक किसानों को 250 करोड़ रुपए से अधिक का सहकारी फसली ऋण वितरित हो चुका है। उन्होंने निर्देश दिए कि फसली ऋण वितरण के दौरान जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें। एक महीने तक की खरीद के लिए बारदाने की व्यवस्था हो चुकी है तथा भंडारण के लिए गोदामों की पर्याप्त व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि एक मई से खरीद शुरू करने के लिए किसानों को एसएमएस जा चुके हैं। उन्होंने आपसी समन्वय पर कार्य करने के निर्देश दिए।
गंगवार ने कहा कि एक लाख से अधिक किसानों को 250 करोड़ रुपए से अधिक का सहकारी फसली ऋण वितरित हो चुका है। उन्होंने निर्देश दिए कि फसली ऋण वितरण के दौरान जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें। एक महीने तक की खरीद के लिए बारदाने की व्यवस्था हो चुकी है तथा भंडारण के लिए गोदामों की पर्याप्त व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि एक मई से खरीद शुरू करने के लिए किसानों को एसएमएस जा चुके हैं। उन्होंने आपसी समन्वय पर कार्य करने के निर्देश दिए।
नागौर में यहां होंगे खरीद केन्द्र
जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि नागौर जिले में सरसों व चना की खरीद के लिए 18 केन्द्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि खींवसर, नागौर, जायल, डेगाना, परबतसर, गच्छीपुरा, कुचामन, डीडवाना, लाडनूं, सफेड़, जालसू खुर्द, सुधवाड़, रियांबड़ी, जाखेड़ा तथा खोखर में केन्द्र घोषित किए गए हैं। वहीं मेड़ता में दो खरीद केन्द्र बनाए गए हैं, एक मेड़ता तिलम संघ तथा दूसरा केवीएसएस मेड़ता में रहेगा। जिला कलक्टर ने बताया कि नागौर जिले में अब तक 5230 किसानों को 16 करोड़ का खरीफ फसली ऋण दिया जा चुका है।
जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि नागौर जिले में सरसों व चना की खरीद के लिए 18 केन्द्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि खींवसर, नागौर, जायल, डेगाना, परबतसर, गच्छीपुरा, कुचामन, डीडवाना, लाडनूं, सफेड़, जालसू खुर्द, सुधवाड़, रियांबड़ी, जाखेड़ा तथा खोखर में केन्द्र घोषित किए गए हैं। वहीं मेड़ता में दो खरीद केन्द्र बनाए गए हैं, एक मेड़ता तिलम संघ तथा दूसरा केवीएसएस मेड़ता में रहेगा। जिला कलक्टर ने बताया कि नागौर जिले में अब तक 5230 किसानों को 16 करोड़ का खरीफ फसली ऋण दिया जा चुका है।