एसपी नारायण टोगस ने बताया कि पिछले महीने यह वारदात प्रताप सागर कॉलोनी निवासी अनिल समदडिय़ा की दुकान पर हुई। महिलाएं उनके पुत्र पीयूष समदडिय़ा और कर्मचारी दिनेश जोशी को बातों में लगाकर अस्सी ग्राम सोने के लॉकेट/पैण्डल का बैग लेकर चंपत हो गईं। एएसपी सुमित कुमार व सीओ ओमप्रकाश गोदारा के सुपरविजन में कोतवाली सीआई रामेंद्र सिंह हाड़ा के नेतृत्व में टीम गठित की गई। अनुसंधान शुरू हुआ तो पुलिस खुद उधेड़बुन में फंस गई। बड़े शातिराना अंदाज में वारदात को अंजाम दिया गया था।
सीआई हाड़ा के नेतृत्व में हैड कांस्टेबल कमलेश, कांस्टेबल राकेश सांगवा, रामनिवास, भंवरलाल व द्रोपदी ने जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज तलाशते रहे और पुलिस को सुराग मिलते गए। हैड कांस्टेबल कमलेश और कांस्टेबल राकेश सांगवा ने उनके आधार पर पाया कि ये तीनों वारदात के बाद ऑटोरिक्शासे जेएलएन अस्पताल तक पहुंची। पुलिस को गच्चा देने के हिसाब से ये बस से नोखा गईं । यहां ड्रेस बदलकर रात को गंगानगर-कोटा एक्सप्रेस में बैठकर दूसरे दिन कोटा पहुंच गईं। टीम ने मोबाइल के साथ एटीएम के भी फुटेज खंगाले तो एक जगह इनकी उपस्थिति दिखी। इसके बाद ये पीछा करते-करते कोटा के अनंतपुरा तक पहुंच गए और तीनों शातिर को पकड़ लिया। पुलिस ने करीब दो सौ सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले तो करीब सत्रह सौ किलोमीटर की दूरी तय की।
मास्टर माइण्ड ननद पर तीन केस सीआई हाड़ा ने बताया कि पुलिस ने प्रमिला बागड़ी (30), मौसम बाई (25) बिनती बागड़ी (24) को अनंतपुरा से पकड़ा है. प्रमिला, मौसम और बिनती की ननद है। असल में इन भौजाई के साथ ही ये वारदात करती है। प्रमिला पर कैथून थाने में तीन तो मौसम बाई पर कैथून थाने में एक आपराधिक मामला दर्ज है। प्रमिला के नेतृत्व में ये तीनों अलग-अलग शहरों में वारदात करती हैं। चोरी का माल बरामद करने के लिए पूछताछ की जा रही है।
यह है मामला ये तीनों जैन ज्वेलर्स के यहां पहुंची। दोनों ने इधर-उधर बातों में दुकानदार व उसके कार्मिक को लगाए रखा। एक-दो अन्य ग्राहकों के आने के बीच मौका पाकर ये तीनों बॉक्स लेकर निकल गईं। ज्वेलर्स के यहां सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था। इस पर आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले। ये तीनों गांधी चौक की तरफ से आए थे और वहीं जाते दिखे। इन महिलाओं ने 1900 और 2200 रुपए की खरीदारी भी की थी। बॉक्स में एक-डेढ़ ग्राम के कई लॉकेट/पैण्डल रखे थे।
सोना चोरी की आरोपी महिलाओं ने वारदात के लिए बदली थी पोशाक
-सोना चुराने वाली ननद-भौजाई रिमाण्ड पर
नागौर. शहर के सदर बाजार में होका पोल के सामने स्थित जैन ज्वेलर्स सेे करीब पांच लाख का सोना चुराने वाली ननद-भौजाई को दो दिन के पुलिस रिमाण्ड पर लिया है। प्रमिला ने अपनी भौजाई के साथ पिछले माह अस्सी ग्राम सोने के लॉकेट/पैण्डल से भरा बॉक्स चुराया था। हैड कांस्टेबल कमलेश ने इन तीनों को अदालत में पेश किया, जहां से इन्हें दो दिन के पुलिस रिमाण्ड पर सौंपा गया है। करीब सवा महीने की मशक्कत के बाद नागौर पुलिस इन तीनों को कोटा के अनंतपुरा से लेकर आई।
-सोना चुराने वाली ननद-भौजाई रिमाण्ड पर
नागौर. शहर के सदर बाजार में होका पोल के सामने स्थित जैन ज्वेलर्स सेे करीब पांच लाख का सोना चुराने वाली ननद-भौजाई को दो दिन के पुलिस रिमाण्ड पर लिया है। प्रमिला ने अपनी भौजाई के साथ पिछले माह अस्सी ग्राम सोने के लॉकेट/पैण्डल से भरा बॉक्स चुराया था। हैड कांस्टेबल कमलेश ने इन तीनों को अदालत में पेश किया, जहां से इन्हें दो दिन के पुलिस रिमाण्ड पर सौंपा गया है। करीब सवा महीने की मशक्कत के बाद नागौर पुलिस इन तीनों को कोटा के अनंतपुरा से लेकर आई।
पहले अपना पहनावा बदला था सूत्रों का कहना है कि चोरी की आदतन इन आरोपियों ने यहां आने से पहले अपना पहनावा बदला था। आमतौर की ड्रेस के बदले इनमें दो ने साड़ी पहनी तो तीसरी ने जीन्स। पूछताछ में सामने आया कि इन्होंने पुलिस को भटकाने का प्रयास किया। वारदात के बाद इन्होंने नोखा जाकर वहां से कोटा-श्रीगंगानगर ट्रेन पकड़ी, जबकि ये चाहतीं तो नागौर से ही यह रेल पकड़ सकती थीं। ऐसा इन तीनों ने इसलिए किया कि वारदात के फौरन बाद पुलिस सक्रिय होगी और नागौर रहीं तो वे पकड़ में आ सकती हैं। नोखा पहुंचते ही पहले इन तीनों ने ड्रेस बदली। इसके बाद ये रात की ट्रेन का इंतजार करने से पहले इधर-उधर बैठ गए।
सूत्रों का कहना है कि पहले तो वारदात के बाद रात को कोटा रवाना हुए । वहां पहुंचकर कुछ लॉकेट/पैण्डल तो आपस में बांट लिए , जबकि कुछ ये बेच आईं। एक साथ तो माल बिक नहीं सकता था, ऐसे में कुछ ही माल बेच पाईं। डेढ़-दो ग्राम के लॉकेट-पैण्डल थे। पता चला है कि रिमाण्ड के दौरान पुलिस इनसे माल बरामद करेगी। कोतवाली सीआई रामेंद्र सिंह हाड़ा के नेतृत्व में हैड कांस्टेबल, कांस्टेबल राकेश सांगवा समेत टीम के अन्य पुलिसकर्मी पहले भी एक बार दबिश देने कोटा गए थे, बताते हैं कि भनक लगते ही वो वहां से चंपत हो गई थीं। पुलिस की दूसरी दबिश में ये पकड़ी गई हैं। इनको पकडऩे के लिए करीब दो सौ सीसीटीवी कैमरे के फु टेज खंगाले गए तो करीब सत्रह सौ किलोमीटर की दूरी तय की गई।