यह है हकीकत
नागौर लोकसभा में कुल 21 लाख, 46 हजार, 725 मतदाता हैं, इनमें 11,09,470 पुरुष तथा 10,37,243 महिला तथा 12 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। इनमें 90 से अधिक आयु वाले मतदाताओं की संख्या 7,838 हैं तो 80 से 89 आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 41,772 है। नागौर की दस विधानसभा में कुल 22,176 सीनियर सिटीजन (85 वर्ष से अधिक वाले) और 28,768 दिव्यांग मतदाता हैं। इनमें मेड़ता व डेगाना क्षेत्र के मतदाताओं को कम करें तो भी 30 हजार से अधिक होंगे, लेकिन होम वोटिंग के लिए मात्र 1558 का पंजीकरण किया गया है, जो एक औपचारिकता मात्र है।
ऊपर से आदेश है, कम से कम पंजीकरण करने हैं
एक बीएलओ से पत्रिका संवाददाता ने 85 साल से अधिक आयु वाले व दिव्यांग मतदाताओं का होम वोटिंग के लिए पंजीकरण नहीं करने का कारण पूछा तो उसने बताया कि विधानसभा चुनाव में 9 जनों के नाम भेजे थे, लेकिन ऊपर से काटकर मात्र दो रखे। इस बार पहले ही कह दिया कि कम से कम पंजीकरण करने हैं। होम वोटिंग करवा रहे एक अधिकारी ने बताया कि होम वोटिंग की केवल औपचारिकता निभाई जा रही है, यदि कोई बीएलओ नाम अधिक भेजता है तो अधिकारी काटकर एक-दो ही रखते हैं।
सुनिए, इनकी पीड़ा
केस-1 : नागौर शहर के नया हाउसिंग बोर्ड में रहने वाले मेघसिंह राठौड़ ने बताया कि वह 80 प्रतिशत दिव्यांग है, जिसका प्रमाण पत्र भी उसके पास है, इसके बावजूद बीएलओ ने होम वोटिंग के लिए पंजीकरण नहीं किया। विधानसभा चुनाव में भी कहा था, लेकिन बीएलओ टालता रहा। इस बार भी वंचित रख दिया। मतदान केन्द्र तक पहुंचकर वोट देना काफी मुश्किल भरा रहता है।
केस-2 : ढाढ़रिया खुर्द के 85 वर्षीय नेनाराम वरिष्ठ नागरिक होने के साथ दिव्यांग भी है, लेकिन नेनाराम को होम वोटिंग की सुविधा नहीं मिल रही है। नेनाराम के भतीजे श्यामसुंदर ने बताया कि विधानसभा चुनाव में भी वोट दिलाने के लिए किसी की गाड़ी किराए पर लेकर बूथ तक गया था, इस बार भी बीएलओ ने नाम नहीं लिखा। केवल प्रभावशाली लोगों और अपने परिचितों के नाम लिखे जाते हैं।
केस – 3 : ढाढ़रिया खुर्द के ही एडवोकेट भंवरसिंह ने बताया कि उसकी माता मंगेज कंवर पूरी तरह दिव्यांग हो चुकी है, लेकिन बीएलओ ने प्रमाण पत्र का बहाना बनाकर पंजीकरण नहीं किया। जबकि विधानसभा चुनाव में वंचित रखने पर कहा था कि लोकसभा में करवा दूंगा। लेकिन इस बार भी नहीं किया।
केवल थोथे दावे कर रहा निर्वाचन विभाग
निर्वाचन विभाग मतदान केन्द्रों तक पहुंचने में असमर्थ वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांगों के लिए होम वोटिंग की सुविधा का प्रचार-प्रसार करके केवल थोथे दावे कर रहा है। नागौर लोकसभा क्षेत्र में 20 हजार से अधिक दिव्यांग व वरिष्ठ नागरिक मतदाता होने के बावजूद मात्र 1558 को मौका देना किसी दृष्टि से संतोषजनक नहीं है।
अधिकतम मतदाताओं को सुविधा देने का प्रयास
होम वोटिंग की सुविधा उन मतदाताओं देने का प्रयास है, जो बूथ तक नहीं आ सकते। जो इस श्रेणी में आते हैं, सबसे यदि होम वोटिंग करवाएंगे तो संख्या ज्यादा हो जाएगी, लेकिन हमारा प्रयास बेहतर से बेहतर करवाने का है। जिन्होंने फार्म भरकर दिया, उन सबको होम वोटिंग की सुविधा दी है, किसी का नाम नहीं काटा।
– अरुण कुमार पुरोहित, जिला निर्वाचन अधिकारी, नागौर