पांच रुपए में सुधर रही पशु की सेहत गोशाला में दो सौ गोवंश जरूरी अनुदान के लिए गोशाला में दो सौ गोवंश होना जरूरी है। यदि नहीं है तो गोशाला को अनुदान नहीं मिल सकेगा। गोशालाओं का पंजीयन भी दो साल पुराना होना चाहिए। सरकार अनुदान प्राप्त करने वाली गोशालाओं पर पूरी नजर रखेगी। गोशालाओं को राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर प्रस्तुत करना होगा।
पांच साल से नहीं मिला था अनुदान जानकारी के अनुसार गत पांच वर्षों से गोशालाओं को अनुदान राशि नहीं मिली थी। इससे गोशालाओं की दयनीय स्थिति हो गई थी। राशि मिलने से गोवंश की स्थिति में काफी सुधार होगा।
प्रत्येक गोवंश का अलग यूनिक नंबर गोशाला में प्रत्येक गोवंश का यूनिक अलग नंबर होगा। यह नंबर टैग पर लिखा जाएगा। यूनिक नंबर गोवंश पर लगाया जाएगा। इससे उसकी पहचान होगी। इसके अलावा प्रत्येक जिले का अलग-अलग कोड भी होगा।
मृदा परीक्षण प्रयोगशाला पर डेढ़ वर्ष से ताला आते ही वितरित कर दी राशि गोशालाओं के लिए जो अनुदान राशि प्राप्त हुई थी, वह वितरित कर दी गई है। सिर्फ 70 हजार रुपए की राशि हमारे पास बची है। सरकार के नियमों के अनुसार उन गोशालाओं को अनुदान दिया गया, जिनमें गोवंश 200 या इससे ज्यादा हो। साथ ही पंजीयन दो वर्ष पुराना हो। गोशालाएं राशि को गोवंश के लिए चारा, पानी, बांटा आदि पर खर्च करेंगी।
– सी.आर. मेहरड़ा, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग, कुचामन सिटी