तीन-चार दिन से मेहरबान हुए इंद्रदेव
नागौर•Jul 08, 2019 / 06:44 pm•
Suresh Vyas
Chousla News
चौसला. ग्रामीण अंचल में तीन-चार दिन से मेहरबान हुए इंद्रदेव से किसानों व पशुपालकों के चेहरे खिल गए हैं। बारिश के बाद खेतों में खड़ी बाजरे की अगेती फसल रंग बदलने लगी है। चारों ओर हरियाली की चादर दिखाई देने लगी है। पानी की कमी से मुरझाई बाजरे की फसल को जीवनदान मिल गया तथा खेतों में फसलें लहलहाने लगी है। गोविन्दी मारवाड़ इलाकों में कई किसान बाजरे की अगेती फसल में खाद आदि देने के बाद खरपतवार निकालने लगे है, तथा सार-संभाल शुरू कर दी है। बारिश से पशु पालकों को भी चारे के संकट से निजात मिलने की उम्मीद जगी है। उधर बनगढ़ स्थित गोचर भूमि में बारिश के बाद हरियाली की चादर दिखने लगी है। किसान कानाराम खेरवा ने बताया कि अगेती बाजरे की फसल बारिश के बाद परवान पर है। गत 4 व 5 जुलाई को हुई बारिश के बाद खतवाड़ी क्षेत्र के दर्जनों खेतों में बाजरा, मूंग, चवला, मोठ, ग्वार, तिल आदि फसलों की बुआई की थी जो रविवार सुबह करीब दो घंटे झमाझम बारिश से पानी के साथ बह गई है। इन खेतों में बुआई दुबारा करनी पड़ेगी। किसानों का कहना है कि बाजार से महंगे भाव का बीज लाकर बोया था अब और लाकर बुआई करनी होगी। पशुपालकों ने बताया कि कुणी से जाब्दीनगर मार्ग पर नमक झील के किनारे आस-पास के मवेशी चरने की कुछ जगह है। इसके अलावा जो चरागाह है। अधिकतर जमीन पर अतिक्रमियों का कब्जा है।
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