एसडीएमसी की है मांगी राय
शिक्षा विभाग की ओर से करवाए जा रहे सर्वे में अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के भवन, कक्षा-कक्षों की संख्या, शिक्षकों की संख्या, विद्यार्थियों की संख्या के साथ पास में अंग्रेजी या हिन्दी माध्यम विद्यालय है या नहीं आदि की जानकारी मांगी गई है। सूत्रों का कहना है कि शून्य नामांकन और बिना शिक्षकों वाले महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को वापस हिन्दी माध्यम में बदला जा सकता है। इसमें एसडीएमसी व जिला शिक्षा अधिकारी की भी राय मांगी गई है। संभवत: इन दोनों की हरी झंडी मिलने के बाद ही किसी भी अंग्रेजी माध्यम स्कूल को वापस हिन्दी में परिवर्तित किया जाएगा।
शिक्षा विभाग की ओर से करवाए जा रहे सर्वे में अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के भवन, कक्षा-कक्षों की संख्या, शिक्षकों की संख्या, विद्यार्थियों की संख्या के साथ पास में अंग्रेजी या हिन्दी माध्यम विद्यालय है या नहीं आदि की जानकारी मांगी गई है। सूत्रों का कहना है कि शून्य नामांकन और बिना शिक्षकों वाले महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को वापस हिन्दी माध्यम में बदला जा सकता है। इसमें एसडीएमसी व जिला शिक्षा अधिकारी की भी राय मांगी गई है। संभवत: इन दोनों की हरी झंडी मिलने के बाद ही किसी भी अंग्रेजी माध्यम स्कूल को वापस हिन्दी में परिवर्तित किया जाएगा।
एसडीएमसी के प्रस्ताव पर लेंगे निर्णय
हां, यह बात सही है कि विभाग की और से अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का सर्वे करवाया जा रहा है, लेकिन बंद करने या नहीं करने का निर्णय विद्यालय की विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति (एसडीएमसी) के प्रस्ताव पर ही लिया जाएगा। अभी तक तो हमारे पास यही जानकारी है।
– अर्जुनराम जाजड़ा, एडीईओ, शिक्षा विभाग, नागौर
हां, यह बात सही है कि विभाग की और से अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का सर्वे करवाया जा रहा है, लेकिन बंद करने या नहीं करने का निर्णय विद्यालय की विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति (एसडीएमसी) के प्रस्ताव पर ही लिया जाएगा। अभी तक तो हमारे पास यही जानकारी है।
– अर्जुनराम जाजड़ा, एडीईओ, शिक्षा विभाग, नागौर