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नागौर

84 वर्षीय मैनादेवी बगड़ा ने संयम पथ अंगीकार. ली जैनेश्वरी दीक्षा

नागौरJul 26, 2024 / 07:04 pm

चंद्रशेखर वर्मा

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जैन आचार्य चैत्यसागर महाराज ने ग्रहण करवाई दीक्षा, शांति विधान व मंगल गान के साथ हुए कार्यक्रम
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नागौर. दीक्षा समारोह में उपस्थित दिगंबर जैन समाज के लोग।
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नागौर. भंडारियों की गली स्थित बीसपंथी दिगबर जैन मंदिर में गुरुवार को सुजानगढ़ की 84 वर्षीय मैनादेवी बगड़ा ने संयम पथ अंगीकार किया। चैन आचार्य चैत्यसागर महाराज ने मैनादेवी को जैनेश्वरी दीक्षा ग्रहण करवाई। आचार्य ने दीक्षा के बाद उनका साध्वी नामकरण करते हुए सुजानश्री माताजी नाम दिया।
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 नामकरण के साथ ही पूरा मंदिर परिसर मंगल गान से गूंज उठा। परिवारजनों व मौजूद श्रावक-श्राविकाओं से सहमति मिलने के बाद आचार्य ने दीक्षा संस्कार विधि शुरू की। इस दौरान कैशलोंच के साथ कई धार्मिक संस्कार हुए।
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 बाद में परिवार एवं समाज की ओर से कमण्डल, पिच्छी, शास्त्र व भोजन पात्र भेंट किया गया।
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कार्यक्रम में मैनादेवी के परिजन सुशीलादेवी, पदमचंद, गुणमाला, पारसमल, गणपति, हुक्मीचंद, लक्ष्मीदेवी, विमलादेवी, दीलिपराज, आकाश, मोनिका, सरला पाटनी, अजीत कुमार गंगवाल, स्वाति, सजल बाकलीवाल, अनिका आदि मौजूद रहे।
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84 वर्षीय मैनादेवी बगड़ा ने संयम पथ अंगीकार. ली जैनेश्वरी दीक्षा
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समारोह में यह रहे मौजूददीक्षा समारोह में उत्तम, विजय पहाड़िया, संजय पहाड़िया, ललित पाटनी, अशोक बडजात्या, गोपाल बडजात्या, विकेश पाटनी, अभिषेक पाटनी, नवीन बडजात्या, गोपाल बडजात्या, जीवराज पाटनी, सोहन लाल बडजात्या, पुखराज पहाड़िया, सनत कानूगो, महेंद्र पहाड़िया, अमर चन्द, प्रमोद, अशोक, रमेशचंद जैन, राजू मछी, मनीष जैन, जिनेंद्र जैन, मनोज जैन, राकेश पाटनी, सोनू जैन, अनिल जैन, सिद्धार्थ जैन, रोशन बाकलीवाल, अशोक मछी, ओम सबलावत, मिश्री लाल,पवन, प्रवीण आदि मौजूद रहे।
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पिच्छी भेंट करने का इनको मिला सौभाग्यआचार्य चैत्य सागर के पादप्रक्षालन जीवराज, सुरेन्द्र कुमार चांदूवाड़ व सुजानश्री माता को पिच्छी भेंट करने का सौभाग्य सरोज कुमार, संजय कुमार बाकलीवाल को मिला। कमण्डल भेंट करने का सौभाग्य सुरेश कुमार, सरलादेवी पाटनी, शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य विजय कुमार, शांतिलाल पाण्ड्या, आहार पात्र भेंट करने का सौभाग्य सुजानगढ़ के दीक्षार्थी परिवार को मिला। वस्त्र भेंट करने का सौभाग्य दीक्षार्थी की बेटियां एवं पोतियों को मिला। केशलोंच का सौभाग्य सुरेश कुमार पाटनी, सरलादेवी चूड़ीवाल को मिला। कार्यक्रम में धर्म के माता-पिता दिलीप कुमार एवं सरोज देवी बने।
परिवार एवं समाज के लिए सौभाग्य का क्षणदीक्षा समारोह में प्रवचन करते हुए आचार्य चैत्यसागर महाराज ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह गौरवमय क्षण होता है। दीक्षा आत्मकल्याण के लिए ली जाती है। मानव को हमेशा कल्याण की भावना रखनी चाहिए। अध्यात्मिक पथ की यह यात्रा तप की यात्रा है। कार्यक्रम में उत्तम, विजय पहाड़िया संजय पहाड़िया , ललित पाटनी, अशोक बडजात्या, गोपाल बडजात्या सहित जैन समाज के काफी लोग मौजूद थे।
नागौर. भंडारियों की गली स्थित बीसपंथी दिगबर जैन मंदिर में गुरुवार को सुजानगढ़ की 84 वर्षीय मैनादेवी बगड़ा ने संयम पथ अंगीकार किया। चैन आचार्य चैत्यसागर महाराज ने मैनादेवी को जैनेश्वरी दीक्षा ग्रहण करवाई। आचार्य ने दीक्षा के बाद उनका साध्वी नामकरण करते हुए सुजानश्री माताजी नाम दिया। नामकरण के साथ ही पूरा मंदिर परिसर मंगल गान से गूंज उठा। परिवारजनों व मौजूद श्रावक-श्राविकाओं से सहमति मिलने के बाद आचार्य ने दीक्षा संस्कार विधि शुरू की। इस दौरान कैशलोंच के साथ कई धार्मिक संस्कार हुए। बाद में परिवार एवं समाज की ओर से कमण्डल, पिच्छी, शास्त्र व भोजन पात्र भेंट किया गया। कार्यक्रम में मैनादेवी के परिजन सुशीलादेवी, पदमचंद, गुणमाला, पारसमल, गणपति, हुक्मीचंद, लक्ष्मीदेवी, विमलादेवी, दीलिपराज, आकाश, मोनिका, सरला पाटनी, अजीत कुमार गंगवाल, स्वाति, सजल बाकलीवाल, अनिका आदि मौजूद रहे।
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समारोह में दीक्षा विधान के दौरान प्रवचन देते चैत्यसागर महाराज। परिवार एवं समाज के लिए सौभाग्य का क्षणदीक्षा समारोह में प्रवचन करते हुए आचार्य चैत्यसागर महाराज ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह गौरवमय क्षण होता है। दीक्षा आत्मकल्याण के लिए ली जाती है। मानव को हमेशा कल्याण की भावना रखनी चाहिए। अध्यात्मिक पथ की यह यात्रा तप की यात्रा है। कार्यक्रम में उत्तम, विजय पहाड़िया संजय पहाड़िया , ललित पाटनी, अशोक बडजात्या, गोपाल बडजात्या सहित जैन समाज के काफी लोग मौजूद थे।

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