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यह था मामला 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान थाना भवन में एक चुनावी सभा का आयोजन हुआ था। इसमें सभा को संबोधित करते हुए भड़काऊ भाषण देने को लेकर सुरेश राणा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। यह मुकदमा 30 जनवरी 2017 को उड़नदस्ता प्रभारी सुनील कुमार ने थानाभवन थाने में दर्ज कराया था। आरोप था कि भाजपा प्रत्याशी सुरेश राणा ने 28 जनवरी 2017 को थानाभवन के विनय वाटिका बैंक्वेट हाल में चुनावी सभा के दौरान भड़काऊ भाषण दिया है। चुनाव जीतने और योगी मंत्रिमंडल में गन्ना मंत्री बनने के बाद सुरेश राणा ने सरकार को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने मुकदमे को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसको खत्म करने की मांग की थी। इस पर संज्ञान लेते हुए योगी सरकार ने 8 फरवरी 2019 को राज्यपाल के पास पत्रावली भेजी थी। इसमें राज्यपाल से इस मुकदमे को वापस लेने की अनुमति मांगी गई। सितंबर 2019 में शासन के अनुसचिव अरुण कुमार राय ने राज्यपाल के आदेश का हवाला देते हुए इस केस को वापस लेने के लिए लोक अभियोजन को न्यायालय में प्रार्थना पत्र देने को कहा था। यह केस विशेष अदालत एडीजे कोर्ट नंबर-4 में चल रहा था। यह भी पढ़ें