म्यूचुअल फंड

एक ही छत के नीचे सब कुछ, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस फिर सुर्खियों में

बीते एक साल में पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (पीएमएस) की दुनिया पहले से कहीं ज्यादा सुर्खियों में रही है।

Oct 08, 2023 / 08:23 pm

Narendra Singh Solanki

मल्टी एसेट म्यूचुअल फंड की ओर रुख कर रहे है निवेशक

बीते एक साल में पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (पीएमएस) की दुनिया पहले से कहीं ज्यादा सुर्खियों में रही है। अभी तक एसेट मैनेजमेंट कंपनियां मुख्य रूप से रिटेल निवेशकों पर ध्यान केंद्रित करती थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में इस ट्रेंड में बदलाव दिखा है। भारत में एचएनआई की संख्या में जिस तरह से लगातार वृद्धि हो रही है, उसके परिप्रेक्ष्य में यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि अब ऐसी कंपनियां अपने विशेष ऑफर्स के साथ निवेशकों के इस खास क्लास में पैठ बनाना चाह रही हैं। कॉन्ट्रा, पीआईपीई और फ्लेक्सीकैप स्ट्रेटेजी पर आधारित प्रोडक्टस ने निवेशकों को मनमाफिक रिजल्ट प्रदान किया है। कॉन्ट्रा का निवेश के प्रति विरोधाभासी या बिल्कुल उल्टा अप्रोच होता है। यहां, उद्देश्य यह होता है कि निवेश वहां किया जाए, जहां एंट्री में ज्यादा मुश्किलें हो और जो प्रतिकूल बिजनेस साइकिल के कारण या किसी विशेष स्थिति के कारण या उद्योग में आए संकट के कारण चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहे हैं। पिछले एक साल में कॉन्ट्रा फंड ने बेंचमार्क एसएंडपी बीएसई 500 टीआरआई के 24 फीसदी की तुलना में 44 फीसदी का रिटर्न दिया है।

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मिड और स्मॉल कैप कंपनियों में निवेश

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के पीएमएस के प्रमुख आनंद शाह का कहना है कि कंपनी मुख्य रूप से मिड और स्मॉल कैप कंपनियों में निवेश करती है और जिनमें अगले 4-5 वर्षों में अच्छा खासा बढ़त लेने की क्षमता है। पिछले एक साल में 46 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है। पीएमएस टीम इन-हाउस बिजनेस-मैनेजमेंट-वैल्यूएशन (बीएमवी) ढांचे पर भरोसा करती है। इसका उद्देश्य दीर्घकालिक विकास की क्षमता वाली लचीली कंपनियों की पहचान करना है। इसके माध्यम से टीम सक्षम मैनेजमेंट वाली उन मजबूत कंपनियों की पहचान करती है, जो उचित मूल् पर कारोबार कर रही हैं। बिजनेस फिल्टर के तहत, टारगेट उन मजबूत व्यवसायों की पहचान करना होता है, जिनमें तेजी से आगे बढऩे की क्षमता है। यहां उन उद्योगों की पहचान करते है, जो जीडीपी की तुलना में तेजी से बढ़ सकते है और ऐसी कंपनियां जो उन उद्योगों में प्रतिस्पर्धियों की तुलना में तेजी से बढ़ सकती हैं। दूसरा फोकस उन कंपनियों पर होता है, जिनमें लगातार प्रतिस्पर्धा से लाभ देने का माद्दा होता है और अंत में हम उन उद्योगों को प्राथमिकता देते हैं, जो विखंडित हो रहे उद्योगों की तुलना में मजबूत हो रहे हैं। उनके मुताबिक, चूंकि हम किसी निवेश को 5 से 10 साल के नजरिए से देखते हैं, इसलिए ये प्रोसेस फॉलो करना महत्वपूर्ण है।

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कुशल मैनेजमेंट हमेशा सस्ता नहीं

शाह कहते हैं कि एक अच्छा बिजनेस और उसका कुशल मैनेजमेंट हमेशा सस्ता नहीं हो सकता। यदि बिजनेस में लगातार लाभ देने की क्षमता और स्थिर कैश फलो है, तो कंपनी को पोर्टफोलियो का हिस्सा माना जा सकता है। अगर वैल्यूएशन सही नहीं है तो हम कुछ अच्छे बिजनेस को छोडऩे के लिए भी तैयार हैं। हमारा उद्देश्य सही वैल्यूऐशन पर सही मैनेजमेंट द्वारा संचालित अच्छे बिजनेस को खरीदना है। यह प्रक्रिया इसलिए अपनाई जाती है ताकि अंत में ऐसे पोर्टफोलियो खड़े किए जा सके, जो होल्डिंग्स के मामले में मजबूत हो, लेकिन जिनका फंडामेंटल अच्छा और डिवर्सीफाइड हो। अब तक, बीएमवी दृष्टिकोण ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल की पीएमएस ऑफरिंग को अलग-अलग समय सीमा में बेंचमार्क से अधिक अल्फा प्रदान करने में मदद की है। अपने लगातार अच्छे परफॉरमेंस को देखते हुए, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी ने 58 फीसदी नए ग्राहक जोड़े हैं।

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