Maharashtra: रायगढ़ तट के पास मिली संदिग्ध बोट, नौसेना और तटरक्षक बल ले रही तलाशी
जीपीएस से खोजा रास्ता
येलो गेट पुलिस स्टेशन की गश्ती बोट चैत्राली (Chaitrali) के सुरक्षाकर्मियों ने मंगलवार सुबह अरब सागर में कुवैती बोट को देखा था। तटीय पुलिस को जब बोट संदिग्ध लगी तो उसे गेटवे ऑफ इंडिया से लगभग चार समुद्री मील दूर प्रोंग्स लाइटहाउस पर रोका गया। जांच के बाद आगे की कार्रवाई के लिए बोट को कोलाबा पुलिस स्टेशन को सौंपा गया है।
10 दिन में मुंबई के करीब पहुंचे
पोर्ट ज़ोन के डीसीपी संजय लाटकर ने बताया कि बोट पर पकड़े गए आरोपियों ने दावा किया है कि वे कन्याकुमारी के रहने वाले है और कुवैत में एक कंपनी के लिए काम करते थे। आरोपियों का दावा है कि उन्हें कंपनी पिछले दो साल से सैलरी नहीं दे रही थी और न ही अच्छे से खाने के लिए कुछ देती थी, उनके पासपोर्ट भी कंपनी के पास ही है। इसलिए उन्होंने बोट चुराकर भागने का फैसला किया। उन्होंने जीपीएस डिवाइस की मदद से मुंबई तक का रास्ता खोजा। उन्हें मुंबई तट के करीब पहुंचने में दस दिन लगे।
संदिग्ध नहीं दे पा रहे पुलिस को जवाब
कोलाबा पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ”हम उनसे पूछताछ कर रहे हैं। लेकिन वे हमें सही से जवाब नहीं दे पा रहे है, क्योंकि वे न तो अंग्रेजी और न ही हिंदी ठीक से जानते हैं। लेकिन जांच में वे पीड़ित मालूम हो रहे हैं, जो जबरन कुवैती कंपनी द्वारा काम करवाए जा रहे थे। हालांकि उन्होंने देश में अवैध तरीके से घुसपैठ की है, इसलिए हम उनके खिलाफ कार्रवाई करने पर अभी विचार कर रहे है।”
कुवैत से चुराया, फिर समुद्र के रास्ते भारत में घुसे! मुंबई के पास पकड़ी गई संदिग्ध बोट-
इतनी बड़ी सुरक्षा चूक कैसे?
इस घटना से मुंबई की समुद्री सुरक्षा के चाक-चौबंद होने के दावे पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। 30 मीटर लंबी कुवैती बोट बिना रोकटोक के 10 दिन से मुंबई की ओर बढ़ती चली गयी। लेकिन नौसेना और तटरक्षक बल को इसकी भनक तक नहीं लगी। यह एक बड़ी सुरक्षा चूक मानी जा रही है। वो भी तब जब 26/11 आतंकी हमले के हमलावर नाव के जरिए पाकिस्तान से मुंबई पहुंचे थे।