प्रदेश में विधायकों की संख्याबल के आधार पर महायुति के पांच उम्मीदवार आसानी से जीत हासिल कर राज्यसभा जा सकते हैं। महायुति की ओर से अब तक चार उम्मीदवारों की घोषणा की जा चुकी है। अजित पवार की पार्टी एनसीपी के उम्मीदवार की अभी घोषणा नहीं की गई है। मंगलवार देर रात एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार के बीच करीब ढाई घंटे तक चर्चा हुई थी।
महायुति के 4 उम्मीदवार कौन?
बीजेपी ने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। लगभग चार दशकों से कांग्रेस पार्टी के मजबूती के लिए काम करने वाले और बचपन से ही कांग्रेस की विचारधारा से प्रभावित रहने वाले 65 वर्षीय चव्हाण मंगलवार को बीजेपी में शामिल हुए थे। इससे एक दिन पहले सोमवार को उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। चव्हाण का मराठवाडा में अपने गृह जिले नांदेड और आस पास के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में खासा प्रभाव है।
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महाराष्ट्र की छह राज्यसभा सीटों के लिए 27 फरवरी को मतदान होगा और नतीजे भी उसी दिन घोषित होंगे। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से पांच सीटें बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के महायुति गठबंधन को मिलने की उम्मीद है। इन पांच सीटों में से तीन सीटें बीजेपी के पाले में आएंगी।महायुति के 4 उम्मीदवार कौन?
बीजेपी ने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। लगभग चार दशकों से कांग्रेस पार्टी के मजबूती के लिए काम करने वाले और बचपन से ही कांग्रेस की विचारधारा से प्रभावित रहने वाले 65 वर्षीय चव्हाण मंगलवार को बीजेपी में शामिल हुए थे। इससे एक दिन पहले सोमवार को उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। चव्हाण का मराठवाडा में अपने गृह जिले नांदेड और आस पास के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में खासा प्रभाव है।
दशकों तक कांग्रेस में रहने वाले मिलिंद देवड़ा पिछले महीने ही ‘हाथ’ का साथ छोड़कर शिवसेना में शामिल हुए थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा के पिता मुरली देवड़ा कांग्रेस के बड़े नेता थे। मिलिंद देवड़ा दक्षिण मुंबई से दो बार सांसद चुने गए। वह पहली बार 2004 में लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। 2009 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की। लेकिन फिर 2014 में शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने उन्हें हरा दिया। 2019 में भी देवड़ा को सावंत ने शिकस्त दी।
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वहीँ, अजीत माधवराव गोपछडे भी मूल रूप से नांदेड के रहने वाले हैं और बाल रोग विशेषज्ञ है। उन्होंने संघ प्रचारक के रूप में काम किया है। इसके अलावा, वे कारसेवक हैं। फिलहाल वह बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। इसके अलावा मेधा कुलकर्णी पुणे के कोथरुड विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक हैं। लेकिन कोथरुड से मंत्री चंद्रकांत पाटिल को विधायक बनाये जाने से कुलकर्णी नाराज थीं। वह कोथरुड से दो बार विधायक चुनी गईं थी। उन्होंने कई बार अपनी नाराजगी जाहिर की थी। अब उन्हें राज्यसभा की उम्मीदवारी देकर बीजेपी ने नाराजगी दूर करने की कोशिश की है।
मालूम हो कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन में बीजेपी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) शामिल हैं। जबकि विपक्षी एमवीए गठबंधन में कांग्रेस, एनसीपी शरदचंद्र पवार और शिवसेना (उद्धव गुट) है।