महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन और कांग्रेस ने आज अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। महायुति गठबंधन में बीजेपी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) शामिल हैं। जबकि विपक्षी एमवीए गठबंधन में कांग्रेस, एनसीपी शरदचंद्र पवार और शिवसेना (उद्धव गुट) है।
किस दल से कौन उम्मीदवार?
बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए आज दोपहर में उम्मीदवारों की नई सूची जारी की। इसमें महाराष्ट्र से तीन उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया। बीजेपी ने राज्य से अशोक चव्हाण, मेधा कुलकर्णी और अजीत गोपछड़े को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना से मिलिंद देवड़ा को अपना उम्मीदवार घोषित किया गया है।
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किस दल से कौन उम्मीदवार?
बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए आज दोपहर में उम्मीदवारों की नई सूची जारी की। इसमें महाराष्ट्र से तीन उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया। बीजेपी ने राज्य से अशोक चव्हाण, मेधा कुलकर्णी और अजीत गोपछड़े को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना से मिलिंद देवड़ा को अपना उम्मीदवार घोषित किया गया है।
प्रदेश में विधायकों की संख्याबल के आधार पर महायुति के पांच उम्मीदवार आसानी से जीत हासिल कर राज्यसभा जा सकते हैं। महायुति की ओर से पांच उम्मीदवारों की घोषणा की जा चुकी है। वहीं, कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री चंद्रकांत हंडोरे को महाराष्ट्र से उम्मीदवार बनाया है।
निर्विरोध चुनाव की उम्मीद
महाराष्ट्र की छह राज्यसभा सीटों के लिए जरुरत पड़ने पर 27 फरवरी को मतदान होगा और नतीजे भी उसी दिन घोषित होंगे। हालांकि यदि कुछ छह उम्मीदवार ही नामांकन दाखिल करते है तो सांसदों का निर्विरोध चुनाव होगा। बीजेपी ने राज्य में निर्विरोध राज्यसभा चुनाव होने के संकेत दिए है।
निर्विरोध चुनाव की उम्मीद
महाराष्ट्र की छह राज्यसभा सीटों के लिए जरुरत पड़ने पर 27 फरवरी को मतदान होगा और नतीजे भी उसी दिन घोषित होंगे। हालांकि यदि कुछ छह उम्मीदवार ही नामांकन दाखिल करते है तो सांसदों का निर्विरोध चुनाव होगा। बीजेपी ने राज्य में निर्विरोध राज्यसभा चुनाव होने के संकेत दिए है।
दिलचस्प बात यह है कि राज्य की छह में से पांच सीटें बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के महायुति गठबंधन को मिलने की उम्मीद है। इन पांच सीटों में से तीन सीटें बीजेपी के पाले में और एक-एक एनसीपी व शिवसेना के पास जा सकती है।
2027 में खत्म होगा पटेल का कार्यकाल, फिर क्यों..
प्रफुल्ल पटेल वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। उनका कार्यकाल मई 2027 में समाप्त होगा। लेकिन 3 साल पहले पटेल इस्तीफा दे कर दोबारा नामांकन दाखिल करेंगे। एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने बताया कि कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण हमें यह फैसला लेना पड़ा हैं।
2027 में खत्म होगा पटेल का कार्यकाल, फिर क्यों..
प्रफुल्ल पटेल वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। उनका कार्यकाल मई 2027 में समाप्त होगा। लेकिन 3 साल पहले पटेल इस्तीफा दे कर दोबारा नामांकन दाखिल करेंगे। एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने बताया कि कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण हमें यह फैसला लेना पड़ा हैं।
राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा छिड़ गई है कि पटेल का कार्यकाल खत्म होने से तीन साल पहले उन्हें फिर प्रत्याशी बनाने का फैसला पार्टी की अंदरूनी कलह को दबाने के लिए लिया गया है।
बताया जा रहा है कि अजित पवार के बेटे पार्थ पवार और हाल ही में कांग्रेस छोड़कर एनसीपी में शामिल होने वाले वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी भी राज्यसभा की रेस में शामिल थे। रिपोर्ट्स की मानें तो एक राज्यसभा सीट के लिए एनसीपी से पार्थ, बाबा सिद्दीकी समेत 8-10 दावेदार थे। इसलिए विवाद से बचने के लिए यह अजित दादा ने यह कदम उठाया है।