अहमदनगर जिले के कोपरगाव निवासी दर्शना पवार ने महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) की परीक्षा में राज्य में तीसरी रैंक हासिल की थी। दर्शना का वन रेंज अधिकारी (Forest Range Officer- RFO) के रूप में चयन हुआ था। पुणे की एक संस्था ने बेहद मेहनती युवती को सम्मानित करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया था। जिसके लिए दर्शना 9 जून को पुणे आई थी। वह नरहे (Narhe) इलाके में एक सहेली के यहां ठहरी थी।
यह भी पढ़ें
पुणे: 8 दिन से लापता MPSC पास छात्रा का मिला शव, हत्या की आशंका
जांच में पता चला कि 12 जून को दर्शना अपनी सहेली को यह कहकर घर से निकली कि वह सिंहगढ़ जा रही है। दर्शना ने अपने परिजनों को भी इसकी जानकारी दी थी। कहा जा रहा है की दर्शना के साथ राहुल दत्तात्रय हंडोरे (Rahul Handore) भी गया था। परिवार का कहना है की 11 जून की शाम 4 बजे तक दर्शना संपर्क में थी। लेकिन 12 तारीख से दर्शना ने फोन नहीं उठाया। इसके चलते परिजन स्पॉट लाइट एकेडमी पहुंचे और बेटी के बारे में पूछताछ की। परिजनों के काफी तलाश के बाद भी दर्शना का पता नहीं चला और उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ था। जिसके बाद सिंहगढ़ रोड पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई।
उधर, दर्शना पवार के दोस्त राहुल हंडोरे के परिवार वालों ने भी वारजे थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने बताया कि दर्शना का शव वेल्हे तालुका में राजगढ़ किले की तलहटी में सतीचा माल (Sati Mal) इलाके में मिला। पुलिस की शुरुआती जांच में करीब आठ दिन पहले दर्शना की हत्या करने की आशंका जताई गयी है। शव सड़ी-गली अवस्था में थी और शव के पास मोबाइल और चप्पल पड़ा मिला। जिससे युवती की शिनाख्त हो सकी।
दर्शना और उसका दोस्त राहुल 12 जून को दोपहिया वाहन से राजगढ़ किला इलाके में गए थे। दोनों सुबह करीब सवा छह बजे राजगढ़ किला के बेस पर पहुंचे। जहां से दोनों ने किले पर एकसाथ चढ़ना शुरू किया। लेकिन सुबह करीब 10 बजे अकेले राहुल किले के नीचे आया। पुलिस को राजगढ़ किला के पास के एक होटल के सीसीटीवी फुटेज में राहुल अकेले आते नजर आया है। राहुल तब से फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है। पुलिस को युवती के शव के पास से राहुल का जैकेट भी मिला है। वेल्हे पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है।
पिता दत्ता दिनकर पवार ने बताया कि दर्शना अपने स्कूल के समय से ही बहुत होशियार और मेहनती थी। उसने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर कई पुरस्कार और इनाम जीते हैं। वह पिछले दो साल से लगातार एमपीएससी की पढ़ाई घर पर ही कर रही थी। पिता ने बताया कि दर्शना हर दिन 17 से 18 घंटे पढ़ाई करती थी। दर्शन के पिता एक सहकारी चीनी कारखाने में ड्राइवर के रूप में काम करते हैं। साथ ही मां हाउस वाइफ हैं और छोटा भाई अभी एमबीए की पढ़ाई कर रहा है। पिता ने अपने बच्चों की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन इस अनहोनी से वह अब टूट गए है।