पात्रा चॉल पुनर्विकास मामले में ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच की गवाह फिल्म निर्माता स्वप्ना पाटकर ने महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे (Neelam Gorhe) को पत्र लिखा है। पाटकर ने आरोप लगाया कि उद्धव गुट के नेता संजय राउत उन्हें और उनके परिवार को परेशान कर रहे है।
मेरी जासूसी करवाई जा रही- पाटकर
पाटकर ने कहा कि वह अपनी मां के साथ मुंबई के सांताक्रूज में रहती हैं। उन्होंने कहा, “संजय राउत मुझे और मेरे परिवार को परेशान कर रहे हैं। हालाँकि मैं अब तक हज़ारों पत्र लिख चुकी हूँ, फिर भी मुझे कष्ट सहना पड़ रहा है। मैं जहां भी जाती हूं मेरा पीछा किया जाता है। 3 मई को बीकेसी में भी मेरा पीछा किया गया। मुझ पर पहले भी हमला हो चुका है। मामला भी दर्ज हुआ, लेकिन आगे कुछ नहीं हुआ।“ पात्रा चॉल मामले की गवाह स्वप्ना पाटकर ने दावा किया कि संजय राउत ने उन पर नजर रखने के लिए जासूसों को रखा है। पाटकर ने कहा, “एक (जासूस) को भी गिरफ्तार किया गया था लेकिन राउत के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।”
राउत को 100 दिन बाद मिली थी जमानत
ईडी ने राज्यसभा सदस्य राउत को जुलाई 2022 में उपनगरीय गोरेगांव में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले गिरफ्तार किया था। राउत तब तीन महीने से ज्यादा समय तक मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद थे। नवंबर 2022 में शिवसेना (उद्धव गुट) नेता को मुंबई की विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने जमानत दी। हालांकि, संजय राउत ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि राजनीतिक प्रतिशोध के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।