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25 लाख और 16 लाख रुपये के इनामी नक्सली कौन हैं? जिन्होंने डिप्टी सीएम की मौजूदगी में किया सरेंडर

Naxali in Gadchiroli : सरकार का दावा है कि पिछले चार सालों में एक भी व्यक्ति ने गढ़चिरौली में नक्सलवाद का रास्ता नहीं चुना है।

मुंबईJun 23, 2024 / 07:23 pm

Dinesh Dubey

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में नक्सलवाद की कमर टूट रही है। राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में 25 लाख के इनामी नक्सली नांगसू तुमरेती उर्फ ​​गिरिधर ने अपनी पत्नी के साथ शनिवार को आत्मसमर्पण कर दिया।
गिरिधर के खिलाफ 170 से अधिक मामले दर्ज हैं और उसके सिर पर 25 लाख रुपये का इनाम था। जबकि गिरिधर की पत्नी संगीता उसेंडी उर्फ ​​ललिता के खिलाफ 17 मामले दर्ज हैं और उस पर 16 लाख रुपये का इनाम था।
एक अधिकारी ने बताया कि गिरिधर 1996 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) में शामिल हुआ था। उसके खिलाफ 179 मामले दर्ज हैं। जिनमें 86 मुठभेड़ के मामले और 15 आगजनी के मामले शामिल हैं। उसकी पत्नी संगीता के खिलाफ 17 मामले दर्ज हैं।
आत्मसमर्पण और पुनर्वास योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारों से गिरिधर को 15 लाख रुपये और ललिता को 8.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। आर्थिक सहायता के साथ ही सिलाई मशीन, बच्चों को साइकिल और घरेलू सामग्रीयाँ आदि दी गई।

गढ़चिरौली में टूटी माओवाद की कमर

इस दौरान डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा कि गिरिधर के आत्मसमर्पण से गढ़चिरौली में माओवादी आंदोलन की रीढ़ टूट गई है। उन्होंने नक्सल समस्या को समाप्त करने और उग्रवादियों को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए गढ़चिरौली पुलिस के अथक प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कहा, गढ़चिरौली पुलिस और सी-60 के जवानों को बधाई देता हूँ। गढ़चिरौली में गिरधर और उनकी पत्नी के आत्मसमर्पण से सरकार और पुलिस को नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में बड़ी सफलता मिली है। इनके हथियार छोड़ने के कारण जिले में नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है।

4 साल में किसी ने भी नक्सलवाद का रास्ता नहीं चुना- डिप्टी CM

फडणवीस ने कहा, गढ़चिरौली पुलिस के जवानों ने आम लोगों के मन में पुलिस-प्रशासन के प्रति विश्वास जगाया है। सरकारी योजनाओं का लाभ दूरदराज के जंगलों में रहने वाले आखिरी व्यक्ति तक पहुँचाकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। पिछले चार वर्षों में एक भी व्यक्ति ने गढ़चिरौली में नक्सलवाद का रास्ता नहीं चुना है। सुरक्षा बलों की सख्ती, अनुशासन और संवेदना के कारण नक्सलवाद खात्मे की कगार पर पहुँच चुका है। नक्सलियों से जान जोखिम में डालकर लोहा लेने वाले सी-60 के बहादुर जवानों का अभिनंदन करता हूँ। केंद्र और राज्य सरकार आदिवासियों की संस्कृति, जल, जंगल और जमीन की रक्षा हेतु प्रतिबद्ध है। आज सरकार की नीतियों के कारण गढ़चिरौली चौतरफा विकास की रोशनी से जगमगा रहा है।

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