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Navi Mumbai News: MBBS में एडमिशन का लालच देकर 8 पेरेंट्स को लगाया करोड़ों का चूना, छह के खिलाफ मामला दर्ज

नवी मुंबई में एडमिशन दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी का मामला सामने आ रहा हैं। पुलिस ने एक ऐसे गैंग के खिलाफ मामला दर्ज किया है जिसने 8 अभिभावकों को उनके बच्चों को मनपसंद मेडिकल कॉलेज में एडमिशन देने के नाम पर 2.1 करोड़ रुपयों ऐंठ लिए है।

मुंबईOct 05, 2022 / 07:07 pm

Siddharth

Crime

नवी मुंबई में एडमिशन दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी का मामला सामने आ रहा हैं। वाशी पुलिस ने 8 अभिभावकों से उनके बच्चों की पसंदीदा कॉलेज में एमबीबीएस की कंफर्म सीटें दिलाने का दावा कर करीब 2.1 करोड़ रुपये ऐंठने वाले गैंग के 6 सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल सभी आरोपी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। इस मामले में पुलिस ने बताया कि भांडुप निवासी प्रदीप मोरे को आरोपियों ने 12 लाख रुपये का चूना लगाया था उसी के बाद इस गैंग के बारे में पता चला।
पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान ये भी पता चला कि ये गैंग, वाशी में एक ऑफिस लेकर काम कर रहा था और ये अब तक और 7 लोगों के साथ भी धोखाधडी कर चुके हैं। पुलिस ने आगे कहा कि अगर और पेरेंट्स हैं जिनके साथ इस गैंग ने धोखाधड़ी की है, तो उन्हें आगे आना चाहिए और इसकी शिकायत दर्ज करानी चाहिए। जांच का प्रमुख केंद्र यह है कि इस गैंग को मेडिकल लेने के इच्छुक स्टूडेंट्स की लिस्ट कैसे हाथ लगी।
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वहीं, दूसरी तरफ पीड़ित प्रदीप मोरे ने अपनी शिकायत में कहा कि इस साल फरवरी में उन्हें एक शख्स का कॉल आया था,उसने खुद को ‘मेडिको हेल्प डेस्क’ से होने का दावा किया था। फोन करने वाले ने महाराष्ट्र कॉलेज में 90 लाख रुपये और कर्नाटक कॉलेज में 95 लाख रुपये में एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन कराने का भरोसा दिया था। इसके बाद प्रदीप मोरे ने रत्नागिरी कॉलेज के बारे में पूछताछ की, तो शख्स ने बताया कि इसके लिए उन्हें फीस के रूप में 58 लाख रुपये और कैपिटेशन चार्ज के रूप में 18 लाख रुपये भरना पड़ेगा। इसके बाद जालसाज ने प्रदीप मोरे को अपने वाशी ऑफिस आने के लिए कहा था।
प्रदीप मोरे से आगे बताया कि मैं वाशी में हेल्प डेस्क ऑफिस गया और एक राजकुमार नाम के शख्स से मिला, उसने मुझे ऑफिस के हेड राकेश जाधव से मिलवाया। उन्होंने मेरे बेटे की मार्कशीट, आधार कार्ड और एडमिशन प्रोसेस के लिए उसकी फोटो मांगी थी। इसके बाद 21 मार्च को मैं डाक्यूमेंट्स जमा करने के लिए अपने बेटे के साथ दोबारा ऑफिस गया। इस दौरान राकेश ने दावा किया कि मेरे बेटे को मैनेजमेंट कोटे के तहत वांछित कॉलेज में एडमिशन मिल जाएगा, जिसके लिए हमें एक समझौता ज्ञापन पर सिग्नेचर करना था और हेल्प डेस्क ऑफिस को चेक के माध्यम से 12.20 लाख रुपये देना था। शिकायत के मुताबिक इस मीटिंग में वे एक और शख्स (प्रवीण गोयल) से मिले थे।
बता दें कि इसके बाद प्रदीप मोरे ने चेक साइन करके दे दिया जिसे 23 मार्च को कैश करा लिया गया था। इसके बाद राकेश और गोयल ने दोबारा प्रदीप से कहा कि उन्हें एडमिशन के लिए 70 लाख रुपये कैपिटेशन फीस और 10 लाख रुपये कैश देना पड़ेगा। लेकिन इस बार प्रदीप ने पहले एडमिशन के कंफर्मेशन पर की बात कही। जिसके बाद आरोपियो ने प्रदीप और उनके बेटे को डॉक्युमेंट्स के साथ 5 अप्रैल को रत्नागिरी में कॉलेज में जाने के लिए कहा था।
इसके बाद जब प्रदीप रत्नागिरी गए और राजकुमार से संपर्क किया, तो उन्हें बताया गया कि उन्हें आने में देरी हो गई। जिसके बाद आरोपितों के सभी फोन नंबर नॉट रिचेबल हो गए. इस दौरान प्रदीप मोरे पूरे दिन इंतजार करने के बाद घर लौट आये। अगले दिन, वह उनके वाशी ऑफिस गये तो वह बंद था। इलाके में पूछताछ करने पर पता चला कि ये लोग धोखेबाज हैं और उन्होंने कुछ और पेरेंट्स को भी धोखा दिया है।
इस गैंग के चंगुल में फस चुके सात और पीड़ितों के बारे में पता चला। इस धोखाधड़ी में छह लोग शामिल हैं, और दो से तीन लोगों ने पीड़ितों से संपर्क करने के लिए सरनेम का उपयोग किया। वाशी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक रमेश चव्हाण ने बताया कि यह जांच का विषय है कि उन्हें उन स्टूडेंट्स की कॉन्टेक्ट डिटेल्स कहा से मिला, जिन्होंने साइंस में 12वीं पास की है और मेडिकल सीट की तलाश कर रहे हैं। वाशी पुलिस ने आरोपियों की पहचान राकेश जाधव, कार्तिक, सुदीप, प्रवीण गोयल, सिद्धि पेडनेकर उर्फ रुचिका, श्रवण कुमार उर्फ अतुल तिवारी के रूप में की है. फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।

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