संसद का बजट सत्र चल रहा है। इस सत्र में मंगलवार (6 फरवरी) को प्रश्नकाल के दौरान एमएसएमई मंत्री नारायण राणे एक सवाल का जवाब देते समय लड़खड़ाते दिखे। सांसद कार्तिकेय शर्मा ने नारायण राणे से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के अंतर्गत आने वाले श्रमिकों को लेकर सवाल पूछा। लेकिन राणे इस सवाल का जवाब देने के बजाय इस सेगमेंट के तहत निर्यात कैसे बढ़ाया जा रहा है, यह बताने लगे। इसके बाद राणे को उपसभापति ने टोका।
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सदन में सांसद कार्तिकेय शर्मा ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे से सवाल पूछा था कि केंद्र सरकार ने एमएसएमई क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण के लिए क्या कदम उठाए हैं? लेकिन नारायण राणे इस सवाल का जवाब देने के बजाय एमएसएमई सेक्टर में निर्यात कैसे बढ़ाया जा रहा है। इसका जवाब पढने लगे। राणे ने कहा, मैं आपको पढ़कर बताता हूँ, निर्यात क्षेत्र में एमएसएमई की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए, प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए सरकार ने मेक इन इंडिया पहल के तहत व्यापार करने में सुगमता और संरक्षण के प्रयास किए हैं। इस क्षेत्र में उपलब्धता बढ़ाने के भी प्रयास किये गये।
इस बीच, केंद्रीय मंत्री द्वारा गलत जवाब दिए जाने पर कुछ सांसदों ने उन्हें एक बार फिर प्रश्न बताया, जबकि कुछ अन्य सांसद हंगामा करने लगे। इससे नारायण राणे सांसदों पर बिफर पड़े। इसके बाद पीठासीन राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने राणे से एक बार फिर कहा, ”सरकार ने श्रमिकों के कल्याण के लिए क्या कदम उठाए हैं, इस सवाल का जवाब दें।” जिस पर नारायण राणे ने कहा, ”मैं जवाब पढ़ रहा हूं। उद्योग चालू होने पर समस्याएं अपने आप हल हो जाएंगी। अगर कारखाने बंद रहेंगे तो समस्याएं कैसे हल होंगी?” इस पर सांसद और हंगामा करने लगे।
प्रश्न श्रमिकों का… जवाब निर्यात पर… संसद में अंग्रेजी में पूछे गए सवाल का केंद्रीय मंत्री का सुने जवाब-
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जब उपसभापति ने देखा कि राणे प्रश्न ठीक से नहीं समझ पाए है और सदन में हंगामा बढ़ रहा है तो उन्होंने केंद्रीय मंत्री को सदन का काम खत्म होने के बाद सांसद कार्तिकेय को इस सवाल का जवाब देने के लिए कहा।