रिपोर्ट्स के अनुसार, 64 वर्षीय आरोपी सुभाष वाघ (Subhash Wagh) अपनी 78 वर्षीय मां रमाबाई नाथू पिसल (Ramabai Nathu Pisal) के साथ मुंबई के ग्रांट रोड में लैमिंगटन रोड पर स्थित पंडितालय भवन की तीसरी मंजिल पर रहता था। यह जघन्य वारदात मंगलवार तड़के घर पर ही हुई।
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बताया जा रहा है कि मां-बेटे के बीच अक्सर झगड़ा होता था। दरअसल ज्यादा उम्र के कारण रमाबाई को नींद की समस्या हो गई थी और वह देर रात तक जागती थी। इस वजह से वह रात में भी घर के कामों में लगी रहती थी। जिसके कारण सुभाष की नींद खराब हो जाती है। कई बार दोनों में इसको लेकर झगड़ा भी हुआ। मंगलवार तड़के घटना की रात भी रमाबाई के काम करने की वजह से सुभाष की नींद टूट गई। जिससे वह आगबबूला हो गया और गुस्से में आकर कथित तौर पर घर में इस्तेमाल होने वाले चाकू से अपनी मां पर कई वार किए। जिससे रमाबाई की मौके पर ही मौत हो गई। मां को मारने के बाद सुभाष खुद बगल के कमरे में सो रहे अपने भतीजे के पास गया और घटना की जानकारी दी। जिसके बाद डीबी मार्ग पुलिस को सूचित किया गया।
सूचना मिलने के बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और रमाबाई को जेजे अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। रमाबाई के गर्दन, छाती और पेट सहित शरीर पर चाकू के 22 घाव पाए गए। पुलिस ने चाकू बरामद कर लिया है और सुभाष को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि रमाबाई ने दो शादियां की थीं और हर शादी से उनके चार बच्चे थे। रमाबाई के दो पतियों और तीन बेटों की मृत्यु हो चुकी है। वहीं, आरोपी सुभाष रमाबाई के पहले पति की संतान है। सुभाष शादीशुदा है, लेकिन उसकी पत्नी उससे अलग रहती है। वह बेरोजगार है और अपनी मां के साथ पंडितालय भवन में दो हिस्सों में बंटे एक छोटे से घर में रहता है। जबकि रमाबाई के दूसरे बेटे का परिवार घर के दूसरे हिस्से में रहता है।
एक अधिकारी ने बताया कि रमाबाई और उसके बेटे के पास ग्रांट रोड में बीएमसी-लाइसेंस प्राप्त सब्जी की दुकान थी, जिसे उन्होंने किराए पर दे दिया और उसी किराये से अपना खर्चा उठाते थे।