कृषक समुदाय ‘कुनबी’ ओबीसी के अंतर्गत आता है और जरांगे भी सभी मराठों के लिए कुनबी प्रमाणपत्र मांग रहे है। जिससे सभी मराठों को राज्य में ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण मिल सके। महाराष्ट्र सरकार द्वारा मांगें मान लिये जाने के बाद शनिवार को मनोज जरांगे ने अपना अनिश्चितकालीन उपवास खत्म किया।
अजित पवार गुट के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने ओबीसी श्रेणी में मराठों के ‘पिछले दरवाजे से प्रवेश’ पर सवाल उठाया है। हालांकि एनसीपी (अजित पवार गुट) की ओर से कहा गया है कि मराठा आरक्षण को लेकर पार्टी नेता भुजबल का स्टैंड पार्टी का आधिकारिक रुख नहीं है।
कोर्ट जाएंगे मराठा!
इस बीच, इस मामले पर बोलते हुए मनोज जरांगे ने कहा कि हम ओबीसी भाइयों के बच्चों का बुरा नहीं चाहते है। हम गरीबों के बच्चों की थाली में मिट्टी नहीं डालना चाहते। हालाँकि, अगर वह (छगन भुजबल) हमारे अन्न में मिट्टी डालेगा, तो मजबूरन मुझे ओबीसी आरक्षण को कोर्ट में चुनौती देनी होगी। क्योंकि उनकी कोई भी रिपोर्ट स्वीकार नहीं की गई है। हमें इसे सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाना होगा। इसलिए देश में उनका पूरा 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण रद्द किया जा सकता है। जरांगे ने कहा, केवल छगन भुजबल की वजह से इतने सारे लोगों का नुकसान हो सकता हैं।
कोर्ट जाएंगे मराठा!
इस बीच, इस मामले पर बोलते हुए मनोज जरांगे ने कहा कि हम ओबीसी भाइयों के बच्चों का बुरा नहीं चाहते है। हम गरीबों के बच्चों की थाली में मिट्टी नहीं डालना चाहते। हालाँकि, अगर वह (छगन भुजबल) हमारे अन्न में मिट्टी डालेगा, तो मजबूरन मुझे ओबीसी आरक्षण को कोर्ट में चुनौती देनी होगी। क्योंकि उनकी कोई भी रिपोर्ट स्वीकार नहीं की गई है। हमें इसे सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाना होगा। इसलिए देश में उनका पूरा 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण रद्द किया जा सकता है। जरांगे ने कहा, केवल छगन भुजबल की वजह से इतने सारे लोगों का नुकसान हो सकता हैं।
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने आगे बोलते हुए कहा, ”हमारे हक का आरक्षण है। हमारे कुनबी रिकॉर्ड मिल गए हैं। इसलिए हम ओबीसी आरक्षण में हैं। इसलिए उन्हें (भुजबल) हमारे हक के खिलाफ नहीं जाना चाहिए। ओबीसी भाइयों को उन्हें यह बात समझानी चाहिए। अन्यथा, हम ओबीसी आरक्षण के खिलाफ भी याचिका दायर करेंगे। इससे ओबीसी आरक्षण रद्द किया जा सकता है।“
छगन भुजबल की नियत खराब- जरांगे
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अगस्त से लगातार आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे ने कहा, छगन भुजबल का सपना था कि मराठा समुदाय को आरक्षण के दायरे में नहीं आने दिया जाए। अब हम दो करोड़ मराठों को आरक्षण तक ले गए हैं। जो कुछ बच गए है वह भी आरक्षण के दायरे में आ जाएंगे। इससे वह पागल हो गया है। उसे लग रहा है कि उसका कुछ चल नहीं रहा है। उसकी नियत ख़राब है। हमारे इरादे बुरे नहीं हैं। हमें लगता है कि अगर गरीब ओबीसी का कल्याण हो रहा है तो होने दीजिए। लेकिन, वह ऐसा नहीं हैं, वह पागल हो गया हैं, इस वजह से मैं ओबीसी भाईयों से अनुरोध करता हूं कि वे उसका साथ नहीं दे।
छगन भुजबल की नियत खराब- जरांगे
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अगस्त से लगातार आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे ने कहा, छगन भुजबल का सपना था कि मराठा समुदाय को आरक्षण के दायरे में नहीं आने दिया जाए। अब हम दो करोड़ मराठों को आरक्षण तक ले गए हैं। जो कुछ बच गए है वह भी आरक्षण के दायरे में आ जाएंगे। इससे वह पागल हो गया है। उसे लग रहा है कि उसका कुछ चल नहीं रहा है। उसकी नियत ख़राब है। हमारे इरादे बुरे नहीं हैं। हमें लगता है कि अगर गरीब ओबीसी का कल्याण हो रहा है तो होने दीजिए। लेकिन, वह ऐसा नहीं हैं, वह पागल हो गया हैं, इस वजह से मैं ओबीसी भाईयों से अनुरोध करता हूं कि वे उसका साथ नहीं दे।