कानून-व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए जालना जिले के अंबड तालुका में कर्फ्यू लगा दिया गया है। छत्रपति संभाजीनगर, जालना और बीड जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। सैकड़ों मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए। पहली बार पुलिस ने मनोज जरांगे पाटिल के खिलाफ मामला दर्ज किया।
जरांगे की भूख हड़ताल 17वें दिन खत्म
मनोज जरांगे ने सोमवार को मराठा आरक्षण मुद्दे पर अपना 17 दिन से जारी अनशन खत्म कर दिया। अगले एक-दो दिनों तक इलाज कराने के बाद वह गांव-गांव जाकर मराठा समुदाय से मिलेंगे। जरांगे ने कहा कि वह अपना आंदोलन तब तक जारी रखेंगे जब तक कि महाराष्ट्र सरकार ‘रक्त संबंधियों’ को कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करना शुरू नहीं कर देती, जिनके पास पहले से ही ऐसे दस्तावेज हैं और जिससे उन्हें आरक्षण का लाभ मिल सके।
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जरांगे की भूख हड़ताल 17वें दिन खत्म
मनोज जरांगे ने सोमवार को मराठा आरक्षण मुद्दे पर अपना 17 दिन से जारी अनशन खत्म कर दिया। अगले एक-दो दिनों तक इलाज कराने के बाद वह गांव-गांव जाकर मराठा समुदाय से मिलेंगे। जरांगे ने कहा कि वह अपना आंदोलन तब तक जारी रखेंगे जब तक कि महाराष्ट्र सरकार ‘रक्त संबंधियों’ को कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करना शुरू नहीं कर देती, जिनके पास पहले से ही ऐसे दस्तावेज हैं और जिससे उन्हें आरक्षण का लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज अपना अनशन स्थगित कर रहा हूं, लेकिन 3-4 युवा ऐसे होंगे जो हमारी मांगों के लिए हर दिन यहां बैठेंगे और अनशन करेंगे। मैं अब गांवों का दौरा करूंगा और उन्हें अपना पक्ष समझाऊंगा।’’
बीजेपी देगी जवाब
मराठा आरक्षण के मुद्दे पर एक बार फिर राज्य में सियासी माहौल गरमाने की संभावना है। इसी पृष्ठभूमि में सोमवार को मुंबई में बीजेपी विधायकों की बैठक हुई। इस दौरान बीजेपी के राज्य नेतृत्व ने विधायकों को जरूरी निर्देश दिये उन्हें अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाकर इस बात को आम नागरिकों तक पहुंचाने के लिए कहा गया कि बीजेपी मराठा समुदाय के समर्थन में हैं। मनोज जरांगे निजी स्वार्थ के लिए राजनीतिक भाषा बोल रहे हैं। मराठा आरक्षण के मुद्दे को संयम से सुलझाना चाहिए। बीजेपी मराठा समुदाय के साथ खड़ी रहेगी। जो 10 फीसदी आरक्षण दिया गया है वह कोर्ट में भी टिकेगा।
साथ ही इस बैठक में बीजेपी विधायकों ने मनोज जरांगे के बयान को लेकर भी नाराजगी जाहिर की। बीजेपी विधायकों से यह भी कहा गया है कि अगर जरांगे सियासी भाषा बोलते हैं तो उन्हें जवाब दिया जाए।
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