खबर है कि एनसीपी शरद पवार गुट का कांग्रेस में विलय किया जा सकता है। इसके मद्देनजर आज पुणे में शरद पवार ने पार्टी के सभी विधायकों और सांसदों की अहम बैठक बुलाई है।
कांग्रेस ने दिया प्रस्ताव?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य में महाविकास अघाडी का अस्तित्व बरकरार रखने के लिए कांग्रेस आलाकमान की ओर से एनसीपी के संस्थापक शरद पवार को एक बड़ा प्रस्ताव दिया गया है। इसमें शरद पवार को अपने गुट का कांग्रेस में विलय करने और कांग्रेस के साथ उसी के सिंबल पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया गया है। चर्चा है कि कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने खुद शरद पवार के सामने यह प्रस्ताव रखा।
यह भी पढ़ें
शरद पवार ने चुनाव आयोग के फैसले को दी चुनौती, अब सुप्रीम कोर्ट में होगी असली NCP की लड़ाई!
पिछले कुछ महीनों से महाविकास अघाडी (MVA) लगातार कमजोर हो रही है। एमवीए के तीनों दलों यानी कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार ग्रुप (एनसीपी) के बड़े नेताओं ने पाला बदला है। इसलिए आगामी चुनावों के बाद एमवीए के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े हो रहे है। इसके पीछे विपक्ष बीजेपी के ‘ऑपरेशन लोटस’ को जिम्मेदार बता रहा है।कांग्रेस ने दिया प्रस्ताव?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य में महाविकास अघाडी का अस्तित्व बरकरार रखने के लिए कांग्रेस आलाकमान की ओर से एनसीपी के संस्थापक शरद पवार को एक बड़ा प्रस्ताव दिया गया है। इसमें शरद पवार को अपने गुट का कांग्रेस में विलय करने और कांग्रेस के साथ उसी के सिंबल पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया गया है। चर्चा है कि कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने खुद शरद पवार के सामने यह प्रस्ताव रखा।
वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण मंगलवार को कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। इसी पृष्ठभूमि में रमेश चेन्निथला, वर्षा गायकवाड़, विश्वजीत कदम जैसे प्रमुख नेताओं ने यशवंतराव चव्हाण सेंटर में मुलाकात की। इस दौरान सूबे के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई। खबर है कि इसी दौरान रमेश चेन्निथला ने शरद पवार को अपने खेमे का कांग्रेस में विलय करने का प्रस्ताव दिया।
विलय की जरुरत क्यों पड़ी?
कुछ दिन पहले केंद्रीय चुनाव आयोग ने अजित पवार को असली एनसीपी का दर्जा दिया। साथ ही एनसीपी का घड़ी चुनाव चिह्न भी अजित दादा गुट को सौंपा। इसके बाद शरद पवार के खेमे को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार नाम दिया। इसलिए अब शरद पवार के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि वह अपनी पार्टी को नए नाम और निशान के साथ नए सिरे से खड़ा करें आया कांग्रेस में शामिल हो जाएं। अब देखना होगा कि शरद पवार इस पर क्या रुख अपनाते हैं।
विलय की जरुरत क्यों पड़ी?
कुछ दिन पहले केंद्रीय चुनाव आयोग ने अजित पवार को असली एनसीपी का दर्जा दिया। साथ ही एनसीपी का घड़ी चुनाव चिह्न भी अजित दादा गुट को सौंपा। इसके बाद शरद पवार के खेमे को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार नाम दिया। इसलिए अब शरद पवार के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि वह अपनी पार्टी को नए नाम और निशान के साथ नए सिरे से खड़ा करें आया कांग्रेस में शामिल हो जाएं। अब देखना होगा कि शरद पवार इस पर क्या रुख अपनाते हैं।
दिलचस्प बात यह है कि शरद पवार ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से ही की थी। 1967 में वे पहली बार बारामती विधानसभा क्षेत्र से चुने गये थे। इसके बाद वह 1999 तक कांग्रेस पार्टी में रहे। इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व से मतभेद के कारण उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का गठन किया।
पुणे में मंथन जारी
शरद पवार के पुणे स्थित मोदीबाग स्थित आवास पर पार्टी के अहम नेताओं की बैठक चल रही है। इस बैठक में शरद पवार गुट के सांसद और विधायक व अन्य बड़े नेता मौजूद हैं। इस बैठक में कांग्रेस में विलय को लेकर फैसला लिया जा सकता है। शरद पवार गुट के एक नेता ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा, शरद पवार गुट के कांग्रेस में विलय को लेकर चर्चा चल रही है। यह राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा है। मैं एक छोटा कार्यकर्ता हूं। लेकिन ऐसी चर्चाएं चल रही हैं।
पुणे में मंथन जारी
शरद पवार के पुणे स्थित मोदीबाग स्थित आवास पर पार्टी के अहम नेताओं की बैठक चल रही है। इस बैठक में शरद पवार गुट के सांसद और विधायक व अन्य बड़े नेता मौजूद हैं। इस बैठक में कांग्रेस में विलय को लेकर फैसला लिया जा सकता है। शरद पवार गुट के एक नेता ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा, शरद पवार गुट के कांग्रेस में विलय को लेकर चर्चा चल रही है। यह राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा है। मैं एक छोटा कार्यकर्ता हूं। लेकिन ऐसी चर्चाएं चल रही हैं।