जानकारी के मुताबिक, पांच साल की सजा मिलने के बाद सुनील केदार की विधायकी रद्द कर दी गयी है। नागपुर पुलिस ने महाराष्ट्र विधानसभा को कांग्रेस नेता की जेल की सजा की जानकारी दी और कोर्ट का आदेश भेजा। जिसके बाद सुनील केदार को बतौर विधायक अयोग्य घोषित कर दिया गया।
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एक दिन पहले ही नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) के 150 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में विशेष अदालत ने सावनेर से कांग्रेस विधायक सुनील केदार को दोषी ठहराया। इस मामले में सबूतों के अभाव में तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया। जांच एजेंसी की चार्जशीट में केदार और 11 अन्य आरोपियों पर आईपीसी की धारा 406, 409, 468, 471, 120-बी और 34 के तहत आरोप लगाए गए थे। महाविकास अघाडी (एमवीए) सरकार में मंत्री रहे सुनील केदार से जुड़े इस मामले में दो दशक से अधिक समय बाद फैसला आया है। 2002 में जब 150 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था तब कांग्रेस नेता बैंक के अध्यक्ष थे। सीआईडी के तत्कालीन उपाधीक्षक किशोर बेले इस घोटाले के जांच अधिकारी हैं। जांच पूरी कर उन्होंने 22 नवंबर 2002 को अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। तभी से विभिन्न कारणों से सुनवाई पूरी नहीं हो सकी और मामला लंबित था।
इस नियम से रद्द हुई विधायकी? (Sunil Kedar Disqualification as MLA)
बैंक घोटाले में सजा मिलने के बाद से ही कांग्रेस नेता की विधानसभा सदस्यता जाना तय हो गया था। दरअसल, जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक, अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में दो साल से अधिक सजा हुई हो तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाएगी। इसके अलावा सजा की अवधि पूरी होने के बाद छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो जाएंगे और चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
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