लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा अगले पखवाड़े होने की संभावना है। इससे पहले कई राज्यों में कांग्रेस में बड़े उलटफेर के संकेत मिल रहे हैं। ऐसा ही कुछ हाल महाराष्ट्र में भी है। महत्वपूर्ण पद, जिम्मेदारियां या पार्टी आयोजनों से किनारे हटाये गए असंतुष्ट कांग्रेस नेताओं ने बुधवार को नागपुर के सिविल लाइंस में एक गुप्त बैठक की है। खबर है कि इस गुप्त बैठक में करीब एक दर्जन पदाधिकारी मौजूद थे। इन नेताओं द्वारा राहुल गांधी, सोनिया गांधी के समक्ष नाना पटोले के खिलाफ आवाज बुलंद करने की संभावना जताई जा रही है।
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पदाधिकारियों ने प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की कार्यप्रणाली पर असंतोष जताया। पार्टी में इस बात पर असंतोष है कि पुराने, वफादार पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बजाय नए लोगों को महत्वपूर्ण पद और जिम्मेदारियां दी जा रही है। कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं का कहना हैं कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से लगातार नियुक्तियां की जा रही हैं। लेकिन पुराने निष्ठावान कार्यकर्ताओं को किनारे कर उनके साथ अन्याय करने का आरोप है। जो लोग तीन-चार दशकों से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, उन्हें तवज्जो नहीं दी जा रही। आदर और सम्मान तो दूर की बता है।
पिछले कुछ समय में महाराष्ट्र कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के वफादार माने जाने वाले पूर्व मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बसवराज पाटिल ने पार्टी को अलविदा कह दिया। वह बीजेपी में शामिल हो गए। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण, मिलिंद देवड़ा, बाबा सिद्दीकी पार्टी से जा चुके हैं।
अशोक चव्हाण भी बीजेपी में शामिल हुए हैं। मिलिंद देवड़ा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना में शामिल हो गए हैं। इन दोनों नेताओं को राज्यसभा से सांसद बनाया गया है। दूसरी ओर, बाबा सिद्दीकी उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हो गए है। जल्द ही उन्हें भी अजित दादा अहम जिम्मेदारी दे सकते है।