महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं। सूबे का सियासी हाल समझने के लिए हाल ही में एक सर्वे कराया गया है। जिसके नतीजें चौंकाने वाले है। इससे महायुति की चिंता बढ़ाना तय है। लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाडी (एमवीए) के जीतने की संभावना है। साथ ही सर्वे में कहा गया है कि एमवीए को महायुति से चार फीसदी ज्यादा वोट मिलेंगे।
राज्य में कैसे बदले सियासी हालात?
मालूम हो कि महाराष्ट्र में ‘महायुति’ में सत्तारूढ़ बीजेपी, सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) अजित पवार गुट शामिल हैं। ‘महायुति’ में सत्तारूढ़ बीजेपी, सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) अजित पवार गुट शामिल हैं। जबकि एमवीए गठबंधन में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (उद्धव गुट) है।
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राज्य में कैसे बदले सियासी हालात?
मालूम हो कि महाराष्ट्र में ‘महायुति’ में सत्तारूढ़ बीजेपी, सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) अजित पवार गुट शामिल हैं। ‘महायुति’ में सत्तारूढ़ बीजेपी, सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) अजित पवार गुट शामिल हैं। जबकि एमवीए गठबंधन में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (उद्धव गुट) है।
शिवसेना में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बगावत होने का बाद पार्टी पिछले साल जून में टूट गई थी, जबकि अजित पवार और आठ अन्य एनसीपी विधायकों के इस साल 2 जुलाई को राज्य सरकार में शामिल होने के बाद एनसीपी भी दो गुटों में बंट गई।
क्यों लगा झटका!
2019 में शिवसेना (उद्धव गुट) ने कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर एमवीए का गठन किया और राज्य में सरकार बनाई थी। लेकिन 2022 में शिवसेना में फूट पड़ने के बाद एमवीए सरकार गिर गयी और बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) सत्ता में आई। इस बीच, जून 2023 में एनसीपी में बगावत के बाद राज्य में राजनीतिक हालात पूरी तरह बदल गए। कहा जा रहा है कि शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार गुट के शामिल होने से बीजेपी की ताकत बढ़ गई है। लेकिन, सर्वे से कुछ अलग ही समीकरण सामने आए हैं।
क्यों लगा झटका!
2019 में शिवसेना (उद्धव गुट) ने कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर एमवीए का गठन किया और राज्य में सरकार बनाई थी। लेकिन 2022 में शिवसेना में फूट पड़ने के बाद एमवीए सरकार गिर गयी और बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) सत्ता में आई। इस बीच, जून 2023 में एनसीपी में बगावत के बाद राज्य में राजनीतिक हालात पूरी तरह बदल गए। कहा जा रहा है कि शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार गुट के शामिल होने से बीजेपी की ताकत बढ़ गई है। लेकिन, सर्वे से कुछ अलग ही समीकरण सामने आए हैं।
इस चुनावी सर्वे में 2 लाख से ज्यादा नागरिकों की राय मांगी गई है। एबीपी-सी वोटर्स द्वारा कराये गए सर्व के मुताबिक महाविकास अघाडी को लोकसभा में 26 से 28 सीटें मिलने की संभावना है। जबकि महायुति को 19 से 21 सीटें मिलने की उम्मीद है। वहीँ, सर्व के आंकड़ो में कहा गया है कि अन्य दलों को 2 सीटें मिलेंगी।
किसे कितने फीसदी वोट?
वोटों के प्रतिशत में भी महायुति पीछे होगी। महाविकास अघाडी को 41 फीसदी वोट मिल सकते हैं। तो वहीं सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि महायुति को 37 फीसदी और अन्य पार्टियों को 22 फीसदी वोट मिलेंगे। इस सर्वे के आंकड़े महाविकास अघाडी के लिए राहत देने वाले हैं। तो वहीँ बीजेपी के साथ-साथ शिवसेना और अजित पवार गुट के लिए चिंता बढ़ाने वाले हैं।
किसे कितने फीसदी वोट?
वोटों के प्रतिशत में भी महायुति पीछे होगी। महाविकास अघाडी को 41 फीसदी वोट मिल सकते हैं। तो वहीं सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि महायुति को 37 फीसदी और अन्य पार्टियों को 22 फीसदी वोट मिलेंगे। इस सर्वे के आंकड़े महाविकास अघाडी के लिए राहत देने वाले हैं। तो वहीँ बीजेपी के साथ-साथ शिवसेना और अजित पवार गुट के लिए चिंता बढ़ाने वाले हैं।