मुंबई से पूर्व सांसद संजय निरुपम ने आज शाम शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में ठाणे में शिवसेना का दामन थाम लिया। करीब 19 साल पहले अविभाजित शिवसेना पार्टी छोड़कर निरुपम 2005 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। निरुपम ने कहा कि पार्टी उन्हें जो भी आदेश देगी, वह उसका पालन करेंगे।
शिवसेना को कैसे होगा फायदा?
बता दें कि संजय निरुपम उत्तर-पश्चिम मुंबई निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन शिवसेना ने यहां से अपने विधायक रवींद्र वायकर को प्रत्याशी बनाया है। वायकर का मुकाबला शिवसेना (उद्धव गुट) के अमोल कीर्तिकर से है।
इस लोकसभा सीट के अंतर्गत छह विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें से तीन पर बीजेपी और दो पर शिवसेना (यूबीटी) यानी उद्धव गुट का कब्जा है। वायकर इसी संसदीय सीट के अंतर्गत आनेवाले जोगेश्वरी (पूर्व) विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना विधायक है। इस क्षेत्र में हिंदीभाषी मतदाताओं की संख्या अधिक है, ऐसे में संजय निरुपम के साथ आने से वायकर की जीत की संभावना बढ़ गई है।