पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा, ”बाबा सिद्दीकी 10 फरवरी की शाम में एनसीपी में शामिल होंगे।” जूनियर पवार ने यह भी कहा कि 11 फरवरी को कुछ और लोग भी एनसीपी पार्टी में शामिल होंगे। हालांकि उन्होंने इसको लेकर अधिक जानकारी नहीं दी।
मुंबई में कांग्रेस को डबल झटका!
मालूम हो कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल होने के एक महीने के भीतर मुंबई के दूसरे बड़े नेता सिद्दीकी ने कांग्रेस को अलविदा कहा। सूत्रों ने बताया कि 10 फरवरी को बांद्रा में होने वाले ‘सरकार आपल्या दारी’ कार्यक्रम में एनसीपी में शामिल होंगे।
कौन है बाबा सिद्दीकी?
सिद्दीकी मुंबई के बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक रहे हैं। वह पहली बार 1999 में महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए थे। इसके बाद उन्हें 2004 और 2009 के विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल हुई। वह 2004 से 2008 तक कांग्रेस-एनसीपी की गठबंधन सरकार में राज्य मंत्री के पद पर रहे थे। विधायक बनने से पहले वह दो बार पार्षद चुने गए थे। बाबा सिद्दीकी पहली बार 1992 में मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के पार्षद चुने गए। 1997 के बीएमसी चुनाव में भी उन्हें सफलता मिली।
एनसीपी को कैसे होगा फायदा?
सिद्दीकी मुंबई में कांग्रेस का एक प्रमुख अल्पसंख्यक चेहरा थे। मुंबई के बांद्रा और उसके आसपास बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते है, जिनके बीच सिद्दीकी की गहरी पैठ है। इसलिए आगामी लोकसभा, विधानसभा और बीएमसी चुनाव में एनसीपी अजित पवार गुट को बड़ा फायदा होने की संभावना है।
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मुंबई में कांग्रेस को डबल झटका!
मालूम हो कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल होने के एक महीने के भीतर मुंबई के दूसरे बड़े नेता सिद्दीकी ने कांग्रेस को अलविदा कहा। सूत्रों ने बताया कि 10 फरवरी को बांद्रा में होने वाले ‘सरकार आपल्या दारी’ कार्यक्रम में एनसीपी में शामिल होंगे।
कौन है बाबा सिद्दीकी?
सिद्दीकी मुंबई के बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक रहे हैं। वह पहली बार 1999 में महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए थे। इसके बाद उन्हें 2004 और 2009 के विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल हुई। वह 2004 से 2008 तक कांग्रेस-एनसीपी की गठबंधन सरकार में राज्य मंत्री के पद पर रहे थे। विधायक बनने से पहले वह दो बार पार्षद चुने गए थे। बाबा सिद्दीकी पहली बार 1992 में मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के पार्षद चुने गए। 1997 के बीएमसी चुनाव में भी उन्हें सफलता मिली।
एनसीपी को कैसे होगा फायदा?
सिद्दीकी मुंबई में कांग्रेस का एक प्रमुख अल्पसंख्यक चेहरा थे। मुंबई के बांद्रा और उसके आसपास बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते है, जिनके बीच सिद्दीकी की गहरी पैठ है। इसलिए आगामी लोकसभा, विधानसभा और बीएमसी चुनाव में एनसीपी अजित पवार गुट को बड़ा फायदा होने की संभावना है।
उधर, बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी वर्तमान में मुंबई के बांद्रा (पूर्व) से कांग्रेस विधायक हैं। 66 वर्षीय सिद्दीकी ने कहा है कि जीशान अपने राजनीतिक कदम का फैसला खुद लेंगे। सिद्दीकी ने कहा कि वह शनिवार को एक रैली करेंगे और इसमें पूरे महाराष्ट्र के नगरसेवक और जिला परिषद सदस्य शामिल होंगे।