इस बार की दशहरा रैली होने से पहले ही इसकी काफी चर्चा रही है। दरअसल, परंपरागत रूप से शिवसेना शिवाजी पार्क में ही रैली करती आ रही है, हालांकि महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद जब शिंदे के गुट की अगुवाई वाली सरकार आई तो उसके बाद उद्धव खेमे को शिवाजी पार्क में रैली करने की अनुमति नहीं मिली। दोनों ही गुटों ने ही शिवाजी पार्क में रैली करने की बात कही, लेकिन बीएमसी ने दोनों खेमें को शिवाजी पार्क में रैली करने की इजाजत नहीं दी। इसके बाद उद्धव ठाकरे गुट ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रूख किया जहां से उन्हें शिवाजी पार्क में रैली करने की इजाजत मिल गई।
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शिवाजी पार्क का इतिहास: बता दें कि शिवसेना का शिवाजी पार्क से बरसों पुराना और गहरा नाता रहा है। दरअसल शिवसेना से जुड़ी कई ऐतिहासिक पलों का शिवाजी पार्क साक्षी रहा है। शिवसेना का गठन 19 जून 1966 को हुआ था। इसके बाद शिवसेना की पहली बड़ी सभा 30 अक्टूबर 1966 को दशहरा के दिन शिवाजी पार्क में आयोजित किया गया था। जिसके बाद तब से हर साल शिवसेना की दशहरा रैली शिवाजी पार्क में ही होती चली आ रही है। हालांकि कोरोना काल के दौरान साल 2020 और 2021 में शिवाजी पार्क में दशहरा मेला आयोजित नहीं किया गया। दशहरा रैली के दौरान शिवसेना ज्यादातर बड़ी घोषणाएं करता हैं। शिवाजी पार्क में ही उद्धव ठाकरे ने ली थी सीएम पद की शपथ: बता दें कि शिवसेना की दशहरा की रैली में लाखों की संख्या में लोग भाग लेते हैं। रैली की खास बात यह है कि इस रैली में महाराष्ट्र के बाहर से भी लोग आते हैं। उद्धव ठाकरे ने शिवाजी पार्क में साल 2019 में सीएम पद की शपथ ली थी और बाल ठाकरे ने आदित्य ठाकरे को साल 2010 में इसी मैदान से राजनीति के मैदान में उतारा था।
बता दें कि शिवाजी पार्क साल 2012 में बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार का भी साक्षी रहा है। शिवाजी पार्क में बाल ठाकरे का स्मारक बनाया जा रहा है जो कि दिसंबर तक बनकर पूरी तरह तैयार हो जाएगा। बाल ठाकरे की पत्नी मीना ठाकरे का स्मारक भी शिवाजी पार्क में बनाया गया है।