बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने अपने पत्र में कहा, सत्ता आती है और जाती है, लेकिन देश महत्वपूर्ण है। उन्हें देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसलिए उन्हें (नवाब मलिक) महायुति में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
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महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन महायुति में मतभेद खुलकर सामने आने से महाविकास आघाडी (एमवीए) के नेताओं को हमला बोलने का मौका मिल गया हैं। विधान परिषद में सत्तारूढ़ दल की ओर नवाब मलिक के बैठने को लेकर बीजेपी और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के बीच तीखी नोकझोंक हुई। उद्धव गुट की ओर से सवाल उठाया गया कि जिन पर आपने देशद्रोह का आरोप लगाया, वे अब सरकार का समर्थन करते हैं? यह समर्थन आपको चलेगा? हालांकि इन सवालों ने बीजेपी के लिए दुविधा खड़ी कर दी है। इसके कुछ घंटे बाद ही देवेंद्र फडणवीस ने अजित दादा को पत्र लिखकर यह राय जाहिर की। फडणवीस ने कहा कि नवाब मलिक को महायुति में शामिल करना ठीक नहीं है।
फडणवीस ने पत्र में क्या लिखा?
पूर्व मंत्री व विधानसभा सदस्य नवाब मलिक आज शीतकालीन सत्र में शामिल हुए। मैं शुरू में ही यह स्पष्ट कर देता हूं कि विधानसभा सदस्य के रूप में यह उनके अधिकार का मामला है, हमारी उनसे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या व्यक्तिगत पूर्वाग्रह नहीं है। लेकिन, जिस तरह के आरोप उन पर लगे हैं, उसे देखते हुए हमारा मानना है कि उन्हें महायुति में लेना सही नहीं होगा। अपने दल में किसे शामिल करना है या नहीं, यह फैसला लेने का पूरा हमारा अधिकार है। हालांकि, हर घटक दल को यह सोचना होगा कि जिसे वें शामिल कर रहे है, वह गठबंधन में बाधा नहीं बने। मुझे आशा है कि आप हमारी भावनाओं पर ध्यान देंगे।
फडणवीस ने पत्र में क्या लिखा?
पूर्व मंत्री व विधानसभा सदस्य नवाब मलिक आज शीतकालीन सत्र में शामिल हुए। मैं शुरू में ही यह स्पष्ट कर देता हूं कि विधानसभा सदस्य के रूप में यह उनके अधिकार का मामला है, हमारी उनसे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी या व्यक्तिगत पूर्वाग्रह नहीं है। लेकिन, जिस तरह के आरोप उन पर लगे हैं, उसे देखते हुए हमारा मानना है कि उन्हें महायुति में लेना सही नहीं होगा। अपने दल में किसे शामिल करना है या नहीं, यह फैसला लेने का पूरा हमारा अधिकार है। हालांकि, हर घटक दल को यह सोचना होगा कि जिसे वें शामिल कर रहे है, वह गठबंधन में बाधा नहीं बने। मुझे आशा है कि आप हमारी भावनाओं पर ध्यान देंगे।
मालूम हो कि महाराष्ट्र में ‘महायुति’ में सत्तारूढ़ बीजेपी, सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) अजित पवार गुट शामिल हैं। जबकि विपक्षी एमवीए गठबंधन में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (उद्धव गुट) शामिल है।
नवाब मलिक पर लगे है गंभीर आरोप?
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाडी सरकार में अल्पसंख्यक विकास मंत्री का पद संभालने वाले नवाब मलिक को ईडी ने 23 फरवरी 2022 को गिरफ्तार किया था। वह करीब डेढ़ साल बाद जेल से बाहर आए। शीर्ष कोर्ट ने उन्हें स्वास्थ्य आधार पर जमानत दी है। ईडी ने नवाब मलिक की आठ संपत्तियों को जब्त कर लिया है। इनमें कुर्ला के गोवावाल कंपाउंड में नवाब मलिक की संपत्ति, धाराशिव में 147 एकड़ जमीन, मुंबई में 3 फ्लैट और दो आवासीय घर शामिल हैं। भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) और उसके सहयोगियों से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मलिक ईडी की जांच का सामना कर रहे है।