कांग्रेस छोड़ने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने कहा, “मैं विकास के मार्ग पर चल रहा हूं।” खबर है कि देवड़ा आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना में शामिल होंगे। उधर, देवड़ा के इस्तीफे पर कांग्रेस पार्टी में मतभेद दिख रहा है। पार्टी के कुछ नेता मिलिंद देवड़ा पर निशाना साध रहे है। उधर, कांग्रेसी नेता और धर्मगुरु आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पार्टी के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाए हैं।
‘भगवन राम का प्रकोप शुरु’
कांग्रेस आलाकमान पर सवाल खड़े करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “कांग्रेस ऐसे लोगों से घिर गई है जो न तो सच सुनना चाहते हैं, न ही सनातन धर्म या भगवान राम का समर्थन करते हैं। जो लोग भगवान राम, सत्य या जमीनी हकीकत की बात करते हैं, वे धीरे-धीरे पार्टी से दूर होते जा रहे हैं। मिलिंद देवड़ा का इस्तीफा दुर्भाग्यपूर्ण है… मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कुछ लोगों की गलतियों का खामियाजा पूरी पार्टी को न भुगतना पड़े… जो लोग राष्ट्र और भगवान राम की बात करते हैं, वे कांग्रेस के अंदर की चौकड़ी को पसंद नहीं हैं, वो वामपंथी विचारधारा से प्रभावित है… वें गलत फैसला करवा रहे है.. उसी का परिणाम है कि गांधी परिवार के सबसे करीबी रहे वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है।”
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‘भगवन राम का प्रकोप शुरु’
कांग्रेस आलाकमान पर सवाल खड़े करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “कांग्रेस ऐसे लोगों से घिर गई है जो न तो सच सुनना चाहते हैं, न ही सनातन धर्म या भगवान राम का समर्थन करते हैं। जो लोग भगवान राम, सत्य या जमीनी हकीकत की बात करते हैं, वे धीरे-धीरे पार्टी से दूर होते जा रहे हैं। मिलिंद देवड़ा का इस्तीफा दुर्भाग्यपूर्ण है… मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कुछ लोगों की गलतियों का खामियाजा पूरी पार्टी को न भुगतना पड़े… जो लोग राष्ट्र और भगवान राम की बात करते हैं, वे कांग्रेस के अंदर की चौकड़ी को पसंद नहीं हैं, वो वामपंथी विचारधारा से प्रभावित है… वें गलत फैसला करवा रहे है.. उसी का परिणाम है कि गांधी परिवार के सबसे करीबी रहे वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है।”
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “राम के खिलाफ, सनातन और हिंदुत्व के खिलाफ और राष्ट्र के खिलाफ है… जो श्री राम और सच की बात, जमीनी हकीकत को बताने की कोशिश करेगा उसे कांग्रेस छोड़नी पड़ रही है… भगवान राम के मंदिर के निमंत्रण को जिस तरह ठुकराने का काम किया गया है, मुझे लगता है कि भगवन राम का प्रकोप शुरु हो गया है।”
पटोले ने देवड़ा को बताया ‘हारा उम्मीदवार’
इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने मिलिंद देवड़ा पर तंज कसा और कहा कि बीजेपी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से डरी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी अफवाह फैला रही है कि कांग्रेस में विभाजन होगा। अब बीजेपी और उसके सहयोगी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से ध्यान भटकाने के लिए दो बार के हारे उम्मीदवार को अपने खेमे में शामिल कर रहे हैं। यह प्रयास कामयाब नहीं होगा।’’ उन्होंने दावा किया कि यात्रा मुंबई में समाप्त होगी और इसके साथ ही एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना, बीजेपी और एनसीपी (अजित पवार गुट) सत्तारूढ़ गठबंधन का अंत हो जाएगा।
गायकवाड़ ने की पुनर्विचार की अपील
मिलिंद देवड़ा के इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कांग्रेस की मुंबई इकाई की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि देवड़ा ने उस दिन पार्टी छोड़ी है जब राहुल गांधी की अगुवाई में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ हिंसाग्रस्त मणिपुर से शुरू हो रही है। एक वीडियो जारी कर गायकवाड़ ने कहा, मिलिंद देवड़ा को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए, उनका परिवार और कांग्रेस परिवार एक साथ रहा है। कांग्रेस पार्टी और मैं इस कदम से बहुत दुखी हैं।
मुंबई के धारावी से विधायक गायकवाड़ ने बताया कि एआईसीसी प्रभारी और उन्होंने मिलिंद देवड़ा को समझाने की कोशिश की थी।
टिकट नहीं मिला तो छोड़ी पार्टी-चह्वाण
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस कार्यकारी समिति के सदस्य अशोक चह्वाण ने कहा कि देवड़ा दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन महाविकास आघाडी गठबंधन की इस पर सहमति बनी कि मौजूदा सांसद को ही यहां से टिकट दिया जाएगा। देवड़ा को कोई और मौका मिल सकता था। लेकिन उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
टिकट नहीं मिला तो छोड़ी पार्टी-चह्वाण
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस कार्यकारी समिति के सदस्य अशोक चह्वाण ने कहा कि देवड़ा दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन महाविकास आघाडी गठबंधन की इस पर सहमति बनी कि मौजूदा सांसद को ही यहां से टिकट दिया जाएगा। देवड़ा को कोई और मौका मिल सकता था। लेकिन उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
बता दें कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के हाल में संयुक्त कोषाध्यक्ष नियुक्त किए गए मिलिंद देवड़ा दक्षिण मुंबई से दो बार सांसद चुने गए। वह पहली बार 2004 में लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। 2009 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की। लेकिन फिर 2014 में शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने उन्हें हरा दिया। 2019 में भी देवड़ा को सावंत ने शिकस्त मिली। वह फिर इसी सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे।