हाईकोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) द्वारा पाउडर की टेस्टिंग में कथित रूप से पुराने अप्रचलित मानकों का उपयोग करने और बेबी पाउडर के हानिकारक होने की स्थिती में जॉनसन एंड जॉनसन के खिलाफ कार्रवाई के लिए ढाई साल से अधिक समय लेने के लिए फटकार लगाई।
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जस्टिस गौतम पटेल (Justice Gautam Patel) ने सख्त लहजे में कहा, यदि मान लिया जाये कि जॉनसन का शिशु उत्पाद तीसरे दर्जे की गुणवत्ता का है और इससे मौतें हो सकती हैं। तो क्या यह एक्शन लेने का सबसे तेज तरीका है? हालांकि सरकारी वकील ने दलील दी की जॉनसन मामले में देरी की प्रमुख वजह कोविड-19 महामारी थी, जिस पर जस्टिस गौतम और नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 को बहाने के तौर पर नहीं पेश किया जा सकता है। जस्टिस पटेल और जस्टिस एसजी ढिगे (SG Dhige) की खंडपीठ ने एफडीए को अगले शुक्रवार तक एक हलफनामा दायर करने और यह तय करने का समय दिया है कि क्या वह कंपनी की याचिका को चुनौती देना जारी रखना चाहते है या जॉनसन एंड जॉनसन के खिलाफ अपने आदेश को वापस लेना चाहते है और नए सिरे से बेबी पाउडर की टेस्टिंग करना चाहते है।
पुराने मानक से टेस्ट करने का आरोप
बता दें कि आज सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता रवि कदम ने खंडपीठ को सूचित किया कि नए नमूने एकत्र करने और उनका पुन: परीक्षण (टेस्टिंग) करने के बाद भी एफडीए ने परीक्षण के लिए IS 5339 2021 मानक के बजाय परीक्षण के पुराने IS5339 2004 मानक का उपयोग किया था।
जिस पर कोर्ट ने पूछा “आपका आदेश 15 सितंबर से है, आप क्या कर रहे थे? यदि आप शिशु स्वास्थ्य देखभाल उत्पादों के साथ डील कर रहे हैं, तो हम 48 घंटों के भीतर रिस्पांस की उम्मीद करते हैं, न कि दो साल की… वो भी परीक्षण के लिए एक निष्क्रिय मानक का उपयोग करते हुए.. आप इसे कैसे सही ठहरा सकते हैं?”
जिसपर राज्य के वकील ने तर्क दिया कि कोविड महामारी के कारण एफडीए की कार्यप्रणाली प्रभावित हुई। फिर कोर्ट ने फटकारते हुए कहा, “क्या कोविड-19 के दौरान सब कुछ बंद हो गया था? यदि आप कोविड कहते हैं, तो हम महाराष्ट्र सरकार पर इसकी भरपाई करवाने जा रहे हैं।”
बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया। कोर्ट आज सितंबर 2022 में मुंबई के मुलुंड प्लांट में जॉनसन बेबी पाउडर के उत्पादन लाइसेंस को रद्द करने के खिलाफ कंपनी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
जॉनसन बेबी पाउडर के टेस्ट में क्या निकला?
बीते साल कोर्ट ने मामले की सुनाव्यी के दौरान एफडीए को दो सरकारी और एक निजी प्रयोगशाला में बेबी पाउडर के नमूनों का फिर से परीक्षण करने का आदेश दिया था। जिसकी रिपोर्ट सामने आ चुकी है।
इंटरटेक पीटीएल (Intertek PTL) लैब की रिपोर्ट में पीएच स्तर 7.58, 9.19, 6.37 और 7.59 पाया गया। जबकि सीडीटीएल लैब की रिपोर्ट में पीएच स्तर 5.88, 7.80, 7.89 और 6.32 मिला है। वहीँ, एफडीए लैब की रिपोर्ट में पीएच स्तर 7.19, 8.52, 5.98 और 7.20 मिला है। इंटरटेक की लैब ने पाया कि पाँच मिनट के बाद भी जॉनसन को बेबी पाउडर की पीएच रीडिंग स्थिर नहीं थी।
बता दें कि पीएच रीडिंग आदर्श रूप से 5-8 के बीच होनी आवश्यक है। एफडीए के पहले की रिपोर्ट में भी जॉनसन बेबी पाउडर के पीएच स्तर सही नहीं पाए गए थे।