वरिष्ठ नेता शरद पवार के खेमे ने चुनाव आयोग के फैसले को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया है और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रही है। मालूम हो कि आयोग ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी का दर्जा देने के साथ ही शरद पवार गुट को आज शाम तक आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर तीन नए नामों और चिह्न का प्रस्ताव भेजने का आदेश दिया है। जो नाम और सिंबल चुनाव आयोग शरद पवार गुट को देगा।
कैविएट पिटीशन से क्या होगा?
इस बीच, बुधवार को अजित पवार गुट ने शीर्ष का दरवाजा खटखटाया है और सुप्रीम कोर्ट में कैविएट पिटीशन दायर की। इस पिटीशन में अजित खेमे ने चुनाव आयोग द्वारा उसे असली एनसीपी घोषित करने के आदेश को शरद पवार गुट की ओर से चुनौती दिये जाने की स्थिति में उसका पक्ष भी सुने जाने का अनुरोध किया गया है।
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शरद पवार की बेटी व एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, चुनाव आयोग को हम नए नाम भेजेंगे और हम सुप्रीम कोर्ट ज़रूर जाएंगे। अभी सिंबल को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है।”कैविएट पिटीशन से क्या होगा?
इस बीच, बुधवार को अजित पवार गुट ने शीर्ष का दरवाजा खटखटाया है और सुप्रीम कोर्ट में कैविएट पिटीशन दायर की। इस पिटीशन में अजित खेमे ने चुनाव आयोग द्वारा उसे असली एनसीपी घोषित करने के आदेश को शरद पवार गुट की ओर से चुनौती दिये जाने की स्थिति में उसका पक्ष भी सुने जाने का अनुरोध किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, वकील अभिकल्प प्रताप सिंह के जरिए सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की गई है। पिटीशन यह सुनिश्चित करने के लिए दायर की गयी है कि अगर शरद पवार गुट सुप्रीम कोर्ट का रुख करता है तो अजित पवार गुट के खिलाफ एकतरफा आदेश पारित न किया जाए और उसका भी पक्ष सुना जाए।
एनसीपी मुख्यालय पर किया दावा
खबर है कि मुंबई स्थित एनसीपी के मुख्यालय पर भी अजित पवार गुट ने दावा ठोका है, जिसका दूसरा खेमा विरोध कर रहा है। बता दें कि चुनाव आयोग ने मंगलवार को घोषणा की कि अजित पवार गुट ही असली एनसीपी है। आयोग ने आदेश में अजित पवार के नेतृत्व वाले ग्रुप को एनसीपी का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ भी आवंटित किया है। चुनाव आयोग का यह फैसला एनसीपी संस्थापक शरद पवार के लिए बहुत बड़ा झटका है। 1999 में कांग्रेस से अलग होने के बाद शरद पवार ने कुछ अन्य नेताओं के साथ मिलकर एनसीपी पार्टी का गठन किया था।
एनसीपी मुख्यालय पर किया दावा
खबर है कि मुंबई स्थित एनसीपी के मुख्यालय पर भी अजित पवार गुट ने दावा ठोका है, जिसका दूसरा खेमा विरोध कर रहा है। बता दें कि चुनाव आयोग ने मंगलवार को घोषणा की कि अजित पवार गुट ही असली एनसीपी है। आयोग ने आदेश में अजित पवार के नेतृत्व वाले ग्रुप को एनसीपी का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ भी आवंटित किया है। चुनाव आयोग का यह फैसला एनसीपी संस्थापक शरद पवार के लिए बहुत बड़ा झटका है। 1999 में कांग्रेस से अलग होने के बाद शरद पवार ने कुछ अन्य नेताओं के साथ मिलकर एनसीपी पार्टी का गठन किया था।